Publish Date:Wed, 25/March2020
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जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में अधिकतम महज 29 वेंटीलेटर ही हैं
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर पहले से ही 15 जिलों के मरीजों का दबाव है
R24News : भागलपुर/ पूरे सूबे में कोरोना पॉजिटिव को लेकर अलर्ट है। भागलपुर भी लॉकडाउन है, लेकिन सही तरीके से इसका पालन न होने से संक्रमण की चेन तोड़ना बड़ी चुनौती कम नहीं है। प्रशासन व्यवस्थाओं काे लेकर लगातार गाइडलाइन जारी कर रहा है। अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। डॉक्टर 24 घंटे अलर्ट पर हैं। लेकिन लॉकडाउन में लोगों की भागीदारी का अनुपात नहीं बढ़ रहा। ऐसे में यदि कोरोना पॉजिटिव केस बढ़े तो अस्पतालों की व्यवस्थाएं कम पड़ने लगेगी। मरीजाें को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जरा सी लापरवाही, भारी पड़ सकती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पॉजिटिव केसों के लिए अस्पतालों में वेंटिलेटर तक कम पड़ सकते हैं। डॉक्टरों की संख्या भी कम पड़ सकती है। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में अधिकतम महज 29 वेंटीलेटर ही हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर पहले से ही 15 जिलों के मरीजों का दबाव है। इस बीच कोरोना की आशंका में सर्दी-खांसी, बुखार तक के मरीज रेफर किए जा रहे हैं। ऐसे में काेराेना मरीजाें की तादाद यदि बढ़ी तो अस्पताल चाहकर भी कुछ नहीं कर सकेंगे।
डरिए नहीं, लेकिन यह जानना आपके लिए जरूरी है कि जिले में व्यवस्थाएं क्या हैं
बेड : मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड है। इसके अलावा एमसीएच वार्ड के 100 बेड भी कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। इसके साथ ही अन्य दो अनुमंडल और सुल्तानगंज के अस्पतालों में 30-30 बेड की व्यवस्था है। ऐसे में पांच लाख की आबादी के लिए 200 बेड मरीजों के लिए फिलहाल मौजूद हैं। हालांकि 17 पीएचसी में 6-6 बेड के हिसाब से 102 बेड और बढ़ेंगे। लेकिन यह कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के लिए नाकाफ हो सकते हैं।
वेंटीलेटर: कोरोना पॉजिटिव गंभीर मरीजों को सांस संबंधी परेशानी होती है। ऐसे में उन्हंे आर्टिफिशियल तौर से सांस देने के लिए वेंटिलेटर की दरकार होगी। लेकिन जिले में फिलहाल 29 वेंटिलेटर हैं। सीएस डॉ. विजय सिंह ने सरकार से वेंटिलेटर की मांग की है। सरकार 100 नए वेंटिलेटर खरीदने जा रही है। लेकिन राज्य के 38 जिलों के लिए खरीदे जा रहे 100 वेंटिलेटर में भागलपुर के हिस्से में आने वाले वेंटिलेटर की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हमारे वॉरियर्स भी सेफ नहीं: अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर, कर्मचारी, पारा मेडिकल स्टाफ, वार्ड अटेंडर समेत अन्य लोग जो कोरोना वॉरियर्स के रूप में जाने जा रहे हैं। वे भी सुरक्षित नहीं है। इसके बावजूद वे हमारे लिए लगातार काम कर रहे हैं। बिना अपनी जान की परवाह किए वे 24 घंटे कोरोना के आइसोलेशन वार्ड में काम कर रहे हैं। लेकिन उनके पास खुद की सुरक्षा के लिए ही पर्याप्त किट नहीं हैं। हालांकि उनकी सुरक्षा के लिए 100 किट तैयार हैं। स्टोर में भी व्यवस्थाएं हैं, लेकिन आपके सहयोग के बिना यह सब धरी रह जाएगी।
बेहतर प्रयास कर रहे हैं
डॉ. आरसी मंडल के मुताबिक, बेहतर प्रयास कर रहे हैं। कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड वाला नया एमसीएच वार्ड बुधवार से चालू होगा। तैयारियां हमारी पूरी है। आईसीयू धीरे-धीरे खाली किया जा रहा है। आईसीयू व इंडोर से कई मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। इंडोर में मरीज कम हो रहे हैं। वेंटिलेटर जुटाए जा रहे हैं।
बचाव की बेस्ट तरीका है
डॉ. हेमशंकर शर्मा, नोडल ऑफिसर, कोरोना वार्ड के मुताबिक, कोरोना के संक्रमण से खुद को दूर रखने के लिए बचाव ही बेस्ट उपाए है। लॉकडाउन के रूल्स का पालन कीजिए। अपने घर में ही रहिए। भीड़ मत लगाइए।


