Publish Date:Wed, 29/April 2020
R24News : फिल्म अभिनेता इरफान खान की मां सईदा बेगम का रमजान के पहले दिन यानी शनिवार को इंतेकाल हो गया था। वे अंतिम समय पर बेटे को देख भी न पाईं। उनके दो भाई सलमान और इमरान अपने परिवारों के साथ यहीं रहते हैं। पारिवारिक कार्यक्रमों में इरफान आते जाते रहते थे, लेकिन पिछले एक-डेढ साल में बीमारी के कारण वो नहीं आ पाए।
मां अंतिम सांस तक अपने लाडले की सलामती की दुआएं मांगती रही। इरफान के भाई सलमान ने बताया कि 95 साल की मां की अंतिम इच्छा थी कि इरफान भाई जल्द से जल्द स्वस्थ हो कर घर लौटें। शनिवार को मौत से पहले उनकी मां ने यही अंतिम इच्छा जाहिर की थी, लेकिन ऐसा न हो सका। बुधवार सुबह इरफान खान के निधन का समाचार मिलते ही वो इच्छा सदा के लिए अधूरी रह गई।

टोंक के नवाब खानदान से संबंध रखने वालीं सईदा बेगम की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी। उन्होंने जयपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। मां के अंतिम संस्कार के इरफान खान लॉकडाउन के कारण शामिल नहीं हो सके। उनके बड़ी भाई ने ही सभी तरह की रश्में अदा की। परिजनों ने बताया कि इरफान खान की माता पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं।
इरफान खान के माता-पिता टोंक के रहने वाले थे। इरफान का बचपन भी टोंक में ही बीता। उल्लेखनीय है कि अभिनेता इरफान खान भी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। साल 2017 जून में इरफान काम बीच में ही छोड़कर इलाज कराने के लिए विदेश चले गए थे। इरफान ने सोशल मीडिया के माध्यम से बीमारी की जानकारी दी थी। वह सोशल मीडिया पर ही अपनी तबीयत से जुड़े अपडेट फैंस को देते रहते थे। पिछले साल विदेश से घर लौटने के बाद उन्होंने अपनी फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ की शूटिंग पूरी की थी।
ट्विटर पर पोस्ट कर इरफान ने दी थी बीमारी की जानकारी
ट्विटर पर पोस्ट अपने एक संदेश की शुरुआत उन्होंने मार्गेट मिशेल के शब्दों से की थी, जिसमें लिखा था कि जीवन हमें इस बात का मौका नहीं देता है कि हमने इसके लिए क्या सोचा हुआ है। पिछले कुछ समय से वह एक अजीब बीमारी के साथ दिन गुजार रहे हैं। वह काफी मुश्किल हालात में अस्पताल में आए लेकिन अपने आसपास के लोगों से मिले प्यार और दुलार के चलते इस बीमारी से लड़ने की उन्हें लगातार शक्ति मिलती रही। इसके बाद उन्होंने भी अपने अंदर एक मजबूती का अहसास किया है।
ठीक होने की इच्छा उन्हें देश के बाहर तक ले आई। फैंस उनके लिए दुआ भेजने और करने का सिलसिला लगातार जारी रखें। न्यूरो शब्द को लेकर उठ रही अफवाहें हर बार हमारे दिमाग की उपज नहीं हुआ करती, लेकिन यह इसकी खोज और शोध का सबसे अच्छा माध्यम जरूर बन जाती हैं। उन्हें विश्वास है जो कोई उनकी बातों का इंतजार करता है उसके लिए वह नई कहानी सुनाने फिर आएंगे।


