Publish Date:Wed, 3/June 2020
R24News : धनबाद । नौ मई को झरिया के नजदीक जामाडोबा की 77 साल की वृद्धा परमजीत कौर को कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया तो चिकित्सक तनाव में आ गए। महिला को कैंसर था, चौथे चरण का। इस चरण में बीमारी हड्डी के भीतर प्रवेश करने लगती है। कीमोथेरेपी अनिवार्य है और कीमोथेरेपी से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। चिकित्सकों ने कीमोथेरेपी बंद की और कोरोना का इलाज शुरू किया। वृद्धा के साथ उनका पुत्र भी कोरोना से जूझ रहा था। उन्होंने खुद को कमजोर होने नहीं दिया। जीने की चाह इतनी प्रबल थी कि खतरनाक वायरस भी हार गया। 31 मई को उन्हें अस्पताल से छुïट्टी दी गई। विदा करने सारे चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टाफ आए। उनके इलाज में लगे डॉक्टर कहते हैं- यह किसी चमत्कार से कम नहीं।
दरअसल, वह अपने पुत्र के साथ मुंबई में कैंसर का इलाज कराने गई थीं। वापस आने के लिए एंबुलेंस किराये पर लिया। यहां आने पर जांच हुई तो पता चला कि दोनों संक्रमित हो चुके हैं। उन्हें कोविड अस्पताल लाया गया। वृद्धा के स्वास्थ्य का इतिहास देखने के बाद कोविड अस्पताल के डॉक्टर सकते में आ गए। उन्होंने तुरंत आइसीएमआर के दिशा-निर्देशों का अध्ययन किया। डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा की कोशिश रही कि वृद्धा को मानसिक तौर पर कमजोर होने नहीं दिया जाए। उनकी लगातार काउंसलिंग करायी जाती रही। अजीथ्रोमाइसिन दवा दी जाती रही। अलग-अलग विटामिन के टैबलेट दिए गए। इस बात का ख्याल रखा गया कि हर आधा घंटा पर वह गर्म पानी का सेवन करती रहें। टर्मिनल स्टेज पर पहुंच चुकी वृद्धा के कोरोना से उबरने के बाद कोविड अस्पताल के चिकित्सकों का मनोबल बढ़ा है और आत्मविश्वास भी।
अस्पताल में ये रहा खान-पान
सुबह का नाश्ता : अंडा, दूध, फ ल, ब्रेड, रोटी
दोपहर का भोजन : चावल, दाल, रोटी, सब्जी, अंडा
रात का भोजन : रोटी, सब्जी, पनीर
यह भी दिया गया
– हर आधा घंटा पर गर्म पानी
– संतरा, अनार, पपीता
– विटामिन सी, मल्टी विटामिन एवं प्रोटीन पाउडर
वृद्धा चौथे चरण की कैंसर मरीज हैं। 77 साल उम्र हो गई है। वाकई हम लोगों के लिए कठिन चुनौती थी। हमने कीमोथेरेपी रोकी। इसके बाद हाई प्रोटीन की खुराक और दवा दी गई। उनमें जीने की प्रबल चाह थी। उनका निरोग होना चमत्कार है।
-डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा, प्रभारी पदाधिकारी, कोविड अस्पताल, धनबाद


