Publish Date:Sat, 14/March2020
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मेडिकल रिपोर्ट में बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म की पुष्टि, जांच में फैक्ट के आधार पर एक संदिग्ध की गिरफ्तारी के प्रयास जारी
R24News : जमशेदपुर/ एमजीएम अस्पताल में भर्ती 50 साल की महिला मरीज के साथ दुष्कर्म मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जमशेदपुर के एसएसपी को जांच के लिए बोला गया है। जांच में सरकार कोई कमी नहीं रहने देना चाहती है। यह सरकार कार्रवाई करके भी दिखाएगी। हालांकि स्वास्थ मंत्री ने मामले काे सस्पेक्टेड भी बताया।
एमजीएम अधीक्षक ने जांच के लिए कमेटी बनाई
अधीक्षक ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी अपनी रिपोर्ट शनिवार को देगी। कमेटी का नेतृत्व वरिष्ठ प्रोफेसर डॉक्टर आरवाई चौधरी को सौंपी गई है। पहले एमजीएम प्रबंधन ने पूरे मामले को अफवाह करार दिया था। पुलिस जांच में खुलासे के बाद अस्पताल के पदाधिकारी अपनी गर्दन बचाने में लगे हुए हैं। इस मामले में पुलिस ने नर्स और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की है। एमजीएम अधीक्षक की तीन सदस्यीय कमेटी में डॉक्टर आरवाई चौधरी, डॉक्टर ललित मिंज, डॉक्टर नारायण उरांव शामिल हैं। अधीक्षक डॉक्टर संजय कुमार ने कहा है कि छह मार्च को जानकारी मिली थी। कर्मचारियों से पूछताछ की गई। सभी ने घटना से इनकार किया था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म हुआ था।
नाेटिस का जवाब मिलने पर हाेगी कार्रवाई
इधर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अब तक की जांच में कुछ फैक्ट सामने आया है, जिसके आधार पर पुलिस एक संदिग्ध की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नोटिस का जवाब मिलने पर अधीक्षक की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
डीसी ने अधीक्षक से मांगा जवाब
इधर, दुष्कर्म मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर डीसी रवि शंकर शुक्ला ने अधीक्षक डाॅक्टर नकुल चौधरी को नोटिस जारी कर 48 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। अधीक्षक से दो बिन्दुओं पर जवाब तलब किया गया है।
अधीक्षक पर गाज गिरनी तय, बन्ना बोले अस्पताल की संवेदनहीनता अपराध है
एमजीएम अस्पताल में महिला मरीज के साथ दुष्कर्म मामले में अधीक्षक डाॅ. संजय कुमार पर गाज गिरनी तय है। विधानसभा में मामले को संदिग्ध बता चुके स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा महिला के साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं, इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। वह सच व झूठ का पता लगाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने इस तरह की घटना के प्रति जो संवेदनहीनता दिखाई है, वह अपराध की श्रेणी में आता है। एेसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से प्रदेश की सभी माताओं, बहनों को कुपोषण व एनिमिया जैसी बीमारी से बचाने के लिए फुलप्रूफ प्लान बनाया जा रहा है। एेसे में मां, बहनों की इज्जत लूटने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, मामले में अधिकारियों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले में जो भी संलिप्त हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ मामले दर्ज किए जाएंगे।
सीसीटीवी फुटेज: आरोपी ने पहले मुआयना किया, फिर दुष्कर्म
छह मार्च के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि दुष्कर्मी दो बार महिला वार्ड में गया। वह पहली बार रात के लगभग सवा दस बजे फीमेल वार्ड में जाता है। वार्ड का मुआयना करता है। इसके बाद लगभग 10 बजकर 55 मिनट पर निकल जाता है। निकलने से पहले वह इधर-उधर झांकता है। इसके बाद बाहर निकल जाता है। लगभग 11.30 बजे फिर वह वापस फीमेल वार्ड में आता है। फीमेल वार्ड में आने के बाद सुबह 4 बजे निकल जाता है। पीड़िता दोपहर लगभग 11. 50 बजे पर एक वृद्धा के साथ बाहर आती है और फिर वार्ड में चली जाती है।
बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री के लायक नहीं : भाजपा महानगर अध्यक्ष
बन्ना गुप्ता झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के ‘लायक ’ नहीं है। यह कहना है जमशेदपुर महानगर के भाजपा अध्यक्ष दिनेश कुमार का। महानगर अध्यक्ष नें शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन में यह बात कहीं। अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर बन्ना गुुप्ता का डेढ़ माह का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
उपाधीक्षक ने कहा : पुलिस जांच में हरसंभव मदद की
अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी का कहना है कि पुलिस जांच में हर संभव सहयोग किया गया है। दोषियों की पहचान से लेकर पीड़िता के स्वास्थ्य की जांच भी की गई। हमने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाई। कोताही नहीं बरती गई और नहीं प्रबंधन की कोई मिलीभगत है।
अधीक्षक बोले : विभागाध्यक्ष ने महिला को छुट्टी दी थी
एमजीएम अधीक्षक डॉ. संजय कुमार ने कहा है कि छह मार्च को घटना के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद मामले की छानबीन के लिए वहां के नर्स और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की गई। सभी ने वार्ड में किसी महिला से दुष्कर्म से इनकार किया। हमने अपनी ओर से पूरी छानबीन की थी। होमगार्ड से भी रिपोर्ट ली गई थी। सभी ने घटना से इनकार किया था। महिला को जबरन छुट्टी नहीं दी गई थी। मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम झा ने छुट्टी दी थी।
दरवाजे की कुंडी बंद कर शराबी ने वार्ड में दुष्कर्म किया, चार घंटे मेरे बेड पर ही रहा, मैं चीखती-चिल्लाती रही और पड़ोस के बेड पर भर्ती महिलाएं तमाशा देखती रहीं: पीड़िता
मैं 21 जनवरी को जोजोबेड़ा रेलवे फाटक होते हुए बाजार की तरफ जा रही थी। तभी बाइक ने धक्का मारा। सिर व हाथ में चोट अाई। स्कूल के बच्चों ने टेंपो से उतरकर मुझे उठाया। पानी और चाय पिलाई। इसके बाद दो अंजान युवक अाए। एमजीएम में भर्ती कराया। कुछ दिनों तक सर्जिकल वार्ड में इलाज चला। मेरा कोई नहीं होने पर चार तल्ला मेडिसिन वार्ड के बेड नंबर 62 में ले जाया गया। जहां 5 मार्च तक इलाज चल रहा था। उस रात मैं अपने बेड पर सोई थी। रात 12 बजे शराब के नशे में एक व्यक्ति वार्ड में घुसा। पड़ोस की बेड पर बैठी नीतू से उसने कुछ बातचीत की। फिर मेरे बेड पर अाकर दुष्कर्म करने लगा। मैंने विरोध किया तो उसने पीटा। जिसमंे मेरा चश्मा गिर गया। एक अांख से दिखाई नहीं देता।
दुष्कर्म करने वाले को मैं पहचान नहीं सकी। उसने दरवाजा की कुंडी लगाकर मेरे साथ गलत काम किया और सुबह चार बजे वहां से गया। मेरे बेड के बगल में बिरसानगर जोन नंबर सात में रहने वाली नीतू और पोटका की लक्ष्मी का इलाज चल रहा था। घटना नीतू और लक्ष्मी के सामने हुई। दोनों ने न विरोध किया और न शोर मचाया। दूसरे दिन यानि 6 मार्च को सुबह छह बजे नीतू मुझे ही गाली देने लगी। जिसके बाद नर्स अाई। मैंने घटना की जानकारी नर्स को दी। कुछ देरी बाद वार्ड में हल्ला हो गया। इसके बाद नर्स व सफाई कर्मचारी अाए। मुझे अस्पताल से छुट्टी होने की जानकारी दी। मैंने डिस्चार्ज पेपर मांगे। इसपर हेड नर्स ने कहा कि तुम खाना खाओ, पेपर तैयार हो रहा है। दोपहर का खाना खाने के तुरंत बाद मुझे एक नर्स व सफाई कर्मचारी जबरन नीचे ले अाए। छुट्टी होने की बात कहते हुए अस्पताल गेट के बाहर ले अाए। टेंपो पर बैठाया और वहां से साकची बस स्टैंड पर ले गए। वहां बस पर यह कहते हुए चढ़ाया कि तुम बस पर नहीं चढ़ पाओगी। एक सफाई कर्मचारी ने मुझे 30 रुपए दिए। मैं किसी तरह से भटकते हुए अपने घर पहुंची। कुछ दिनों बाद पुलिस अाई और मुझे साथ ले गई। मैंने पुलिस को भी डिस्चार्ज पेपर दिलवाने को कहा, लेकिन अाजतक नहीं मिला।
पुलिस सौतेली बेटी के घर पर निगरानी में रखा है। बेटी मुझे रखना नहीं चाहती। बेटी का कहना है कि मैं जब छह-सात साल की थी, तभी मेरे पिता (पीड़िता के पहले पति) की मौत हो गई थी। मेरे एक भाई की मौत हो चुकी है। दूसरा भाई चेन्नई में काम करता है। मेरे पति भी सौतेली मां को रखना नहीं चाहते। पुलिस जबरन रखकर गई। मैंने अाइओ महिला पदाधिकारी को वापस ले जाने के लिए कह दिया है।
-जैसा की पीड़िता ने दैनिक भास्कर को बताया
फुटेज खंगाला, कर्मियों से पूछताछ, अारोपी की पहचान नहीं होने पर नीतू की तलाश जारी
एमजीएम अस्पताल में इलाजरत महिला से दुष्कर्म मामले में वार्ड में मौजूद चश्मदीद गवाह नीतू बिरसानगर जोन नंबर सात में अपने घर पर नहीं है। साकची थानेदार कुणाल कुमार ने नीतू के परिवार वालों से संपर्क कर उसे हाजिर कराने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को एमजीएम का फुटेज खंगालने के बाद मेडिसिन वार्ड की नर्स व कर्मियों से दुष्कर्म मामले में छानबीन की गई। अारोपी का कुछ सुराग नहीं मिलने पर जांच की सूई चश्मदीद गवाह नीतू पर जाकर रूक गई है। थानेदार कुणाल ने बताया कि नीतू घर पर नहीं मिली, लेकिन परिवार वालों को उसे बुलाने को कहा गया है। पुलिस एेसा मान रही है कि शायद नीतू अारोपी को पहचानती हो। लाल रंग की चेकदार शर्ट पहने व लड़खड़ाते अारोपी की खोजबीन में सीसीटीवी फुटेज के अाधार पर भुइयांडीह, छायानगर, धातकीडीह मेडिकल बस्ती, मानगो हरिजन बस्ती में भी तलाश जारी है।


