Publish Date:Sat, 14/March2020
R24News : धनबाद । चीन के गुआंगजाऊ से पिछले महीने 16 फरवरी को लौटे निरसा के बंटी कुमार भुइयां में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टी नहीं हुई है। धनबाद से लेकर रांची तक जांच में कोरोना का कोई संक्रमण नहीं पाया गया। जांच में इनका सैंपल निगेटिव निकला। लेकिन, इसके कारण काफी तकलीफ झेलनी पड़ी। अपने अनुभव को साझा करते हुए बंटी ने बताया कि अखबारों में कोरोना की खबर आने के बाद मैं और मेरा परिवार सफाई देते परेशान हैं। कुछ लोगों ने तो यहां तक अफवाह फैला दी कि मुझे गोली मार दी जाए ताकि कोरोना से अन्य लोगों को बचाया जा सके।
बंटी ने कहा कि मेरे भाई को काम से हटा दिया गया था। परिवार के लोगों से आस-पड़ोस के लोगों ने बातचीत करना बंद कर दिया। रांची में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद मुझमें कोरोना नहीं होने की पुष्टि की। उसके बावजूद लोगों को सफाई देते-देते परेशान हैं। समझदार लोग तो समझ गए हैं पर नासमझों की क्या करें? इस कारण अभी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना के लक्षण नहीं मिलने पर 16 फरवरी को स्वदेश लौटा : बंटी ने कहा कि पिछले साल 22 नवंबर को उन्हें मोबाइल पाट्रस निर्माता कंपनी हॉली टेक ने चीन के गुआंगजाऊ नामक शहर भेजा था। चीन के जिस शहर वुहान से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई वहां से लगभग 12 सौ किमी की दूरी पर हमलोग काम कर रहे थे। 5- 6 फरवरी से चीनी सरकार के चिकित्सक प्रत्येक दो घंटे बाद हमलोगों का थर्मल स्क्रीनिंग (स्वास्थ्य जांच) करते थे। 15 फरवरी को जिन लोगों में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं मिला, उन्हें भारत आने की अनुमति मिली। लगभग 42 लोग एक साथ चीन से मलेशिया के रास्ते दिल्ली पहुंचे।
मलेशिया व नई दिल्ली में हुई थर्मल स्क्रीनिंग : मलेशिया में भी हम लोगों के थर्मल स्क्रीनिंग की गई। 16 फरवरी को दिल्ली पहुंचने पर भारत सरकार ने भी थर्मल स्क्रीनिंग करवाई। चीन से पहुंचे भारतीय दल में वह झारखंड से अकेला शख्स था। दिल्ली के बाद मुझे फ्लाइट से गया पहुंचाया गया और फिर वहां से अपने घर निरसा के शासनबेडिय़ा स्थित भुइयां धौड़ा पहुंचा। 27 फरवरी को झारखंड सरकार के आईसीएमआर एनआईसीईडी के चिकित्सक डॉ. जफरुल्लाह शेख का फोन आया कि आप रांची रिम्स आकर एक बार कोरोना वायरस की जांच करवा लें। रांची में चार मार्च को चिकित्सकों ने मेरे खून एवं अन्य चीज का सैंपल लिया। जांच में मुझमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं होने की पुष्टि की।
मेरे फुफेरे भाई को काम से हटा दिया था : बंटी ने कहा कि मेरा फुफेरा भाई लोगों के घरों में मिनरल वाटर सप्लाई का काम करता था। जिस कंपनी के लिए वह मिनरल वाटर सप्लाई का काम करता था अखबार में मेरे बारे में खबर छपने के बाद उसे काम से हटा दिया गया। हालांकि मेरी जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे वापस काम पर रख लिया, लेकिन उसे लोगों के घरों में जाकर मिनरल वाटर देने की मनाही है। यही नहीं मेरी मां, पिता व अन्य परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। रांची से लौटकर आने के बाद भी मुझे लोगों को सफाई देनी पड़ रहा है कि मुझमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है। इसका प्रमाण चिकित्सकों ने दिया है।


