Publish Date:Sun, 15/March2020
R24News : श्रीलंकाई नागरिक अरुण सेल्वराजन को सनसनीखेज थमीम अंसारी जासूसी मामले में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। यहां विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए सेल्वराजन को सभी आरोपों में दोषी ठहराते हुए उसे पांच साल का कठोर कारावास और 20,000 रुपये का जुर्माना की सज़ा सुनाई।
मामला मूल रूप से तमिलनाडु पुलिस द्वारा 17 सितंबर 2012 को राज्य के तंजावुर जिले के मूल निवासी थमीम अंसारी की गिरफ्तारी के एक दिन बाद दर्ज किया गया था। यह गिरफ्तारी आरोपी अमीर जुबैर सिद्दीकी के नेतृत्व में पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के इशारे पर जासूसी करने के लिए हुई थी, जो कोलंबो में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात थे। एनआईए ने कहा कि भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश थी।
आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने 1 मई, 2013 को मामला फिर से दर्ज किया था और जांच का जिम्मा संभाला था। इसने बाद में 10 सितंबर, 2014 को इस मामले में सेल्वराजन को पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के इशारे पर इसी तरह की जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया। सेल्वराजन पहले श्रीलंका में आपराधिक मामलों में शामिल था और प्रवर्तन एजेंसियों ने उसके लिए लुकआउट नोटिस जारी किया था।
रक्षा प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर जासूसी की
एनआईए के अनुसार, सेल्वराजन और अंसारी दोनों ने भारत के संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालते हुए सिद्दीकी को खुफिया जानकारी देने के अलावा विभिन्न रक्षा प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर जासूसी की थी। एनआईए ने 6 मार्च 2015 को अंसारी और सेल्वराजन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। बाद में, 30 मार्च, 2016 को सेल्वराजन के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था। 8 जनवरी, 2018 को दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे और 29 जनवरी, 2018 को जांच शुरू की गई थी। सेल्वराजन को अब उसके खिलाफ सभी आरोपों में दोषी ठहराया गया है।
अन्य के खिलाफ जांच जारी
एनआईए ने कहा कि अंसारी के खिलाफ मुकदमा दायर है और फरार आरोपी श्रीलंका के मूल निवासी मोहम्मद अनवर, मोहम्मद सिराज अली के अलावा पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी अमीर जुबैर सिद्दीकी और अन्य के खिलाफ जांच जारी है।


