Publish Date:Mon, 15/June 2020
R24News : लॉकडाउन के कारण झारखंड में आधिकारिक रूप से पांच लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर लाैटे हैं। इन मजदूरों पर निर्भर परिवारों को जोड़ दिया जाय तो संख्या बहुत बड़ी होती है। इनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। जहां से काम छोड़कर लाैटे हैं वहां अभी जाना संभव है नहीं। दूसरी तरफ झारखंड में रोजगार के कोई अवसर नहीं दिख रहे हैं। ले देकर झारखंड सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी मनरेगा में काम देने की बात कर रहे हैं। मनरेगा की स्थिति क्या है और उससे कितनी कमाई होगी, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में प्रवासी मजदूर निराश हैं। मजदूरों की भावनाओं को भुनाने में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। झारखंड सरकार में शामिल दल से लेकर प्रतिपक्ष सभी अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी भी सक्रिय हो गई है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक जयशंकर चौधरी ने रविवार को गोसाईडीह पार्टी कार्यालय में कहा कि प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने में झारखंड सरकार विफल है। इन मजदूरों पर केंद्र व झारखंड सरकार दोनों की मार पड़ी है। केंद्र सरकार के गलत फैसले के कारण प्रवासी मजदूरों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब राज्य सरकार की लापरवाही से दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जोरदार आंदोलन करेगी।
टुंडी विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी दीपनारायण सिंह ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत की दयनीय और नाजुक है। लॉकडाउन में कार्यस्थल से अपनी जमा-पूंजी सब खर्च कर लाैटे हैं। ऐसे मजदूरों को सरकार की तरफ से तत्काल आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। इस माैके पर डीएन सिंह, संतोष विश्वकर्मा, कुमार राकेश, राजकुमार सोनी, नारायण सिंह, संतोष दुबे, भास्कर सुमन, सौमित्र गौतम, सुरेंद्र प्रसाद, सोहन बनर्जी, बोकारो जिला संयोजक ज्योतिष कुमार, हरेंद्र नाथ, शहाबुद्दीन शेख, अमरेश सिंह, सलाउद्दीन, नसीम अंसारी आदि मौजूद थे।


