R24News : गिरिडीह। सरिया प्रखंड का यह औरवाटांड़ गांव है। पूरा गांव इन दिनों फिल्म अभिनेता सोनू सूद का दीवाना बना हुआ है। बच्चे हो या बड़े सभी की जुबान पर सोनू सूद का नाम है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्यों। इसका जवाब इस गांव की वृद्ध महिला तारा देवी के पास है। कहती हैं-सोनू सूद तो मसीहा है। उसके ही कारण आज उनके बेटे संदीप, बहू एवं दोनों पोते मुंबई से घर लौट सके हैं। मेरे बेटे-बहू एवं पोतों को हवाई जहाज से घर भिजवाया। उसका उपकार कैसे भूल सकते हैं।
मुंबई से लाैट संदीप पेट्रोल पंप पर करने लगा काम
मुंबई से लौटकर संदीप मंडल घर से करीब 15 किमी दूर झारखंडधाम के एक पेट्रोल पंप में काम करने लगा है। हमने संदीप से भेंट की। मुंबई से वापसी के मुद्दे पर चर्चा होते ही उसकी आंखें अतीत में खो गईं, उसने बताया कि मुंबई के साठीनमा मानपुर में दो साल से पत्नी व दो पुत्रों समेत रह रहा था। लॉकडाउन में जमापूंजी खत्म हो गई। कई दिन भूखे रहना पड़ा। कई बार आसपास के लोगों ने सहयोग कर भोजन की व्यवस्था की। घर वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा था। इस बीच सोनू सूद की टीम का नंबर मिला।
सब कुछ सपना जैसा लग रहा था
संदीप कहता है कि जिस प्रकार लॉकडाउन में वापसी हुई वह सपना जैसा था। 28 मई को सोनू सूद के लिंक पर आवेदन दिया। 30 मई को वहां से फोन आया कि रांची के लिए आपका टिकट बन रहा है। आधार कार्ड भेजिए। आधार कार्ड भेजा तो टिकट कंफर्म हो गया। फिर फोन आया कि आज रात 12 बजे आपको निकलना होगा। क्या घर से हवाई अड्डा जाने के लिए आपके पास साधन है। हमने कहा कि कुछ भी नहीं है। तब रात 12 बजे घर पर चमचमाती कार आकर खड़ी हो गई। हवाई जहाज और इस तरह की महंगी गाड़ी में बैठना सपने के समान था। हम एयरपोर्ट पहुंचे। सुबह रांची के लिए उड़ान भरी। सुबह आठ बजे रांची पहुंचे। गिरिडीह जिला प्रशासन ने बस से बगोदर तक पहुंचाया। जब घर पहुंचे तो मां लिपटकर रो पड़ी। उसने वापसी की उम्मीद ही छोड़ दी थी। बार-बार उस फरिश्ते का नाम पूछ रही थी जिसने उसे यहां तक पहुंचाया।
मददगार ओम ने सोनू सूद तक पहुंचाया
संदीप ने बताया कि बगोदर के विधायक विनोद कुमार सिंह ने फेसबुक पर प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए एक नंबर डाला था। यह नंबर ओम नामक व्यक्ति का था। उसे मदद के लिए वाट्सएप पर संदेश भेजा था। इसके बाद उसने तीन बार 15-15 सौ रुपये भेजे थे। राशन की व्यवस्था कराई। बहुत स्थिति खराब हुई तो सोनू सूद की टीम का नंबर दिया ताकि वह वापस जा सके। वह मददगार अभी हैदराबाद में है। बगोदर आकर जब विधायक विनोद ङ्क्षसह से मिला तो पता चला कि ओम उनकी पार्टी का कार्यकर्ता है।