- बेजोस के भारत दौरे का आज आखिरी दिन, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त मांगा था
- बेजोस ने मंगलवार को भारत की तारीफ की, मेक इन इंडिया को भी सपोर्ट किया; लेकिन मोदी से वक्त नहीं मिला
- बेजोस दुनिया के सबसे बड़े अमीर, उनकी नेटवर्थ 8.30 लाख करोड़ रुपए
नई दिल्ली. अमेजन के फाउंडर-सीईओ जेफ बेजोस के भारत दौरे का आज आखिरी दिन है। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेजोस से नहीं मिलेंगे। इसके पीछे दो वजह हो सकती हैं। एक यह कि कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) अमेजन के खिलाफ जांच कर रहा है। दूसरी और अहम वजह यह कि बेजोस के अखबार वॉशिंगटन पोस्ट का रुख मोदी सरकार के प्रति आलोचनात्मक रहा है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने मोदी को ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड मिलने की निंदा की थी
बेजोस ने मोदी से मिलने का वक्त मांगा था। बेजोस ने बुधवार को भारत की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी। उन्होंने 7,100 करोड़ रुपए के नए निवेश और 71 हजार करोड़ रुपए के मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करने का ऐलान भी किया। लेकिन, प्रधानमंत्री से मीटिंग फिक्स होने के संकेत नहीं मिले। बेजोस का अखबार वॉशिंगटन पोस्ट अब तक मोदी सरकार की कई नीतियों की निंदा कर चुका है। धारा 370 हटाने के फैसले के बाद अखबार ने खबरों और विचारों पर आधारित आर्टिकल की सीरीज प्रकाशित की थी। अखबार ने मोदी को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड मिलने की भी निंदा की थी।
सीएए पर भी आलोचनात्मक लेख प्रकाशित किया था
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन पोस्ट ने हाल ही में भारतीय पत्रकारों- बरखा दत्त और राणा अय्यूब के विचारों को भी प्रकाशित किया था। अखबार ने 13 दिसंबर को एक आर्टिकल प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक था- ‘भारत का नया कानून लाखों मुस्लिमों की नागरिकता छीन सकता है।’ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संदर्भ में छपे इस लेख पर सरकार से जुड़े कई लोगों ने कहा था कि यह भ्रम फैलाने वाला है और गलत मंशा से प्रकाशित किया गया।
भाजपा नेता ने कहा- दुनिया को शर्तें माननी पड़ेंगी
बेजोस आज मुंबई में कारोबारी जगत के लोगों से मिलेंगे। शाम को बॉलीवुड के इवेंट में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में मोदी से मुलाकात होने की गुंजाइश भी नहीं दिख रही। न्यूज एजेंसी ने बताया कि भाजपा के एक महासचिव से बेजोस को वक्त नहीं देने की वजह पूछी गई तो वे टाल गए। लेकिन, कहा कि दूसरे कार्यकाल में सरकार का रुख पहले कार्यकाल जैसा नहीं है, दुनिया को शर्तें माननी पड़ेंगी।
Posted By: Aditya Dubey R24 News