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रांची के RIMS से भागे 32 में से 29 कोरोना संदिग्ध, मचा हड़कंप; जानें ताजा हाल

रांची के RIMS से भागे 32 में से 29 कोरोना संदिग्ध, मचा हड़कंप; जानें ताजा हाल
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Publish Date:Wed, 18/March2020

R24News : रांची/ Coronavirus Today News झारखंड के सबसे बड़े अस्‍पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्‍थान, रिम्‍स रांची से अब तक कोरोना वायरस के 90 फीसद संदिग्‍ध बिना बताए भाग खड़े हुए हैं। रिम्‍स प्रबंधन को जांच के लिए सैंपल देने के बाद से गायब इन संदिग्‍धों को लेकर शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि टेस्‍ट पॉजीटिव पाए जाने तक ऐसे संदिग्‍ध कई लोगों को अपनी चपेट में ले लेंगे। राज्‍य में महामारी कानून लागू हाेने के बाद रांची, रामगढ़, गिरिडीह, चतरा, गुमला, धनबाद और चाईबासा समेत कई शहरों से कोरोना के अधिसंख्‍य संदिग्‍ध भूमिगत हो गए हैं। ऐसे फरार संदिग्‍धाें की पहचान करने को लेकर स्‍वास्‍थ्य विभाग ने आम लोगों को अलर्ट किया है। इधर विदेश से लौटे हजारीबाग के विष्णुगढ़ के पांच युवकों में कोरोना की आशंका को लेकर पिछले पांच दिनों से उन्हें मेडिकल सर्विलांस में रखा गया है। विदेश से आए यात्रियों में से नागी के दो, चानो के एक, करगालो के एक एवं हेठली बोदरा के एक ग्रामीण युवक हैं। ये युवक मलेशिया, श्रीलंका, कतर, म्यांमार से काम कर लौटे हैं। इसकी जानकारी मिलते ही विष्णुगढ़ के स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी अपनी निगरानी में लेकर उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। उन्हें 28 दिनों तक सतत निगरानी में रखा जाएगा।

90% कोरोना संदिग्ध रिम्स छोड़कर भागे

कोरोना वायरस के संदिग्धों को राज्य भर से जांच के लिए रिम्स भेजा जा रहा है। ऐसे संदिग्ध आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होकर सैंपल देने के बाद अस्पताल प्रबंधन को बगैर सूचना दिए फरार हो जा रहे हैं। मेडिकल टर्म में इसे लामा (लिव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) कहा जाता है। वे सैंपल देने के बाद अपनी रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं कर रहे। रिम्स में अब तक 32 संदिग्ध का सैंपल लिया जा चुका है, जिनमें से  90 फीसद संदिग्ध लामा हो चुके हैं। ऐसे लामा होने वाले संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनसे संपर्क में आने वालों के लिए भी यह खतरे की घंटी होगी।

अस्पताल छोड़कर भागने वालों के खिलाफ FIR

कोरोना के संदिग्धों के इस रवैये से रिम्स प्रबंधन काफी परेशान है। रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह का कहना है कि अगर कोई भी संदिग्ध रिम्स में भर्ती हो रहा है तो उसे तब तक आइसोलेशन वार्ड में रहना है जब तक उसकी रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए। वहीं पॉजिटिव आने पर उसे क्वारंटाइन वार्ड में शिफ्ट कर उचित इलाज किया जाएगा। रिम्स निदेशक ने कहा कि अगर संदिग्ध रिम्स से बिना बताए भाग जा रहे है तो यह उनके संपर्क में आने वालों के लिए खतरे की घंटी है। अगर जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उन सभी को भी कोरोना वायरस होने का खतरा रहेगा जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर लामा हुए मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनपर मुकदमा भी किया जाएगा। आगरा में ऐसा किया जा चुका है।

झारखंड में कोरोना इफैक्ट

  1. हाई कोर्ट व सिविल कोर्ट में सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई : झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी सिविल कोर्ट में चार अप्रैल तक जमानत, अग्रिम जमानत सहित अन्य जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी।

  2. छह दिनों में साठ हजार यात्रियों ने रद की रेल यात्रा : प्रतिदिन करीब 35 लाख रुपये का नुकसान हो रहा रेलवे को। रांची, धनबाद और चक्रधरपुर रेल मंडल से जाने वाली ट्रेनों की सीटें रह रहीं खाली।

  3. 24 मार्च से 1 अप्रैल तक दुरंतो एक्सप्रेस रद : हावड़ा मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस का परिचालन 24 मार्च से एक अप्रैल तक रद कर दिया है। दूरंतो एक्सप्रेस का ठहराव टाटानगर स्टेशन पर है।

  4. 14 अप्रैल तक बंद रहेगा बेतला नेशनल पार्क : 14 अप्रैल तक पर्यटकों के लिए बेतला नेशनल पार्क बंद कर दिया गया है। पतरातू लेक रिसॉर्ट, कांके डैम पार्क को भी 14 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दिया गया है।

  5. सरकारी स्कूलों में समय पर वार्षिक परीक्षा : सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से सात तक के लिए आयोजित होनेवाली योगात्मक मूल्यांकन परीक्षा पूर्व निर्धारित तिथि 30 मार्च को होगी।

  6. दूसरे राज्यों से लौटने वालों की स्वास्थ्य जांच : दूसरे राज्यों में काम कर रहे लोगों एवं मजदूरों के झारखंड लौटने पर उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य जांच होगी। स्वास्थ्य सचिव ने उपायुक्तों को आदेश जारी किया।

हैदराबाद से आए कोराेना की संदिग्‍ध पिता-पुत्री भूमिगत, ढूंढ़ने में जुटा प्रशासन 

हैदराबाद से चार दिन पहले पैतृक गांव सदर प्रखंड के सतोर पहुंचे पिता-पुत्री को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। गांव के लोग उनके नजदीक जाने से डरते हैं। पिता और पुत्री को तेज खांसी और सर्दी के साथ कोरोना के लक्षण देखे गए हैं। ग्रामीण दोनों को कोरोना से पीडि़त संदिग्ध मरीज मान रहे हैं। हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। दोनों लोग फिलहाल भूमिगत हो गए हैं। प्रशासन उन्हें ढूंढने में हलकान है। अंचल अधिकारी उनकी खोजबीन में जब सतोर पहुंचे तो पिता और पुत्री दोनों भूमिगत हो गए। स्थानीय मुखिया के साथ मिलकर पिता-पुत्री की काफी खोजबीन की गई, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।

केरल से लौटे कोरोना के संदिग्ध की खोज में जुटा है स्वास्थ्य विभाग

गुमला के बड़कादोहर गांव में केरल से लौटा युवक धनलाल के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कथित सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खासे परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रखंड प्रशासन के अधिकारी संदिग्ध धनलाल खेरवार की खोज में जुटे हैं। लेकिन उसका पता नहीं लग रहा। उसके पिता सुकटा खेरवार भी धनलाल की खोज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर पहुंचे। बिशुनपुर पुलिस भी उसकी खोज में जुटी हुई है। डॉ.एके ङ्क्षसह ने बताया कि धनलाल अस्पताल पहुंचा ही नहीं है, जब तक उसकी जांच नहीं हो जाती तब तक उसे संदिग्ध मानना उचित नहीं है।

इटली के रास्ते ब्रिटेन से आया कोरोना का संदिग्ध मरीज सात दिन से गायब

इटली के रास्ते ब्रिटेन से धनबाद आया एक व्यक्ति का सात दिन बीतने के बाद भी पता नहीं चल पाया है। इस शख्स के धनबाद आने की सूचना एयरपोर्ट अथॉरिटी दिल्ली ने स्वास्थ्य विभाग को दी थी। इसके बाद उस शख्स ने खुद के धनबाद आने की सूचना विभाग को नहीं दी। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग चिंतित नजर आ रहा है और उसकी खोजबीन जोरशोर से करने में जुट गया है। बता दें कि विदेशों से आए लोगों को 14 दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग हाउस सर्विलांस करता है। लेकिन इस शख्स का पता नहीं चल पाने से उसका सर्विलांस नहीं हो पाया है।  डॉ. गोपाल दास, सिविल सर्जन, धनबाद ने कहा कि लापता शख्स का पता लगाया जा रहा है, विदेश से आने वालों की निगरानी जरूरी है। इसके लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।

दूसरे राज्यों से लौटने वाले सभी लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य जांच

दूसरे राज्यों में काम कर रहे लोगों एवं मजदूरों के झारखंड लौटने पर उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य जांच होगी। इस दौरान उनमें कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उनके स्वाब की जांच कराई जाएगी। स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने इसे लेकर सभी उपायुक्तों को आदेश दिया है। झारखंड से बड़ी संख्या में श्रमिक महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में काम करते हैं। वहां कोरोना वायरस के आउटब्रेक होने के कारण वहां से वे झारखंड वापस लौट सकते हैं। ऐसे में प्रत्येक वैसे व्यक्ति जो दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं, उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए। साथ ही जिला सर्विलांस इकाई द्वारा उनकी नियमित निगरानी हो। बाहर से आनेवाले लोगों के नाम की सूची  मोबाइल नंबर सहित राज्य सर्विलांस इकाई को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है।

पतरातू लेक रिसॉर्ट, कांके डैम पार्क बंद, जलप्रपातों पर भी टिकट की नहीं होगी बिक्री 

राज्य सरकार के आदेश पर झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने रामगढ़ जिला स्थित पतरातू लेक रिसॉर्ट तथा रांची स्थित कांके डैम पार्क को 14 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही, राज्य के सभी जलप्रपातों पर प्रवेश तथा पार्किंग टिकटों की बिक्री भी इस अवधि तक बंद रहेगी। कॉरपोरेशन ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।

पिछले छह दिनों में झारखंड से साठ हजार यात्रियों ने रद की रेल यात्रा

झारखंड के तीन रेल मंडलों रांची, धनबाद और चक्रधरपुर से बड़ी संख्या में रेल टिकट रद किए जा रहे हैं। पिछले छह दिनों में इन मंडलों से साठ हजार से अधिक यात्रियों ने अपनी यात्राएं रद की हैं। कोरोना के कारण लोग यात्रा से परहेज कर रहे हैं। जिन ट्रेनों में हफ्तों पहले टिकट मिलना मुश्किल था, उनमें बर्थ खाली जा रहे हैं। रेलवे को इससे प्रतिदिन 35 से 40 लाख का नुकसान हो रहा है। सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने बताया की जो लोग यात्रा के लिए पहले से आरक्षण करा चुके हैं, अब कोरोना के भय से टिकट रद करा रहे हैं। बताया कि टाटानगर, राउरकेला, झारसुगुड़ा, चक्रधरपुर स्टेशन के अलावा अन्य स्टेशनों पर टिकट रद कराने के लिए रोजाना भीड़ लग रही है। दहशत का आलम यह है कि लोग अपने देश के ही दूसरे हिस्सों में जाने से घबरा रहे हैं। आरक्षण निरस्त होने के कारण ट्रेनों में सीटें खाली जा रही हैं। आरक्षण को लेकर दबाव काफी कम हो गया है।

अब टाटानगर स्टेशन पर भी 50 रुपये में मिलेगा प्लेटफॉर्म टिकट

अब टाटानगर स्टेशन में प्रवेश करने के लिए आपको 50 रुपये का प्लेटफॉर्म टिकट खरीदना होगा। दक्षिण-पूर्व रेलवे ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यह फैसला किया है। टाटानगर के साथ-साथ झारसुगोड़ा, राउरकेला व चक्रधरपुर स्टेशनों पर भी लोगों को प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने के लिए 50 रुपये अदा करना होगा। पहले प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत दस रुपये थी। इस सबंध मे दक्षिण पूर्व रेलवे के सीनियर सीपीआरओ संजय घोष ने बताया कि रेलवे ने कोरोना वायरस को देखते हुए प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर इस प्रकार की फैसला लिया है।

कर्मचारियों का वेतन नहीं कटे यह सुनिश्चित करेगी सरकार

कोरोना के कारण झारखंड में 14 अप्रैल तक सिनेमा हॉल, पार्क आदि बंद रहेंगे। कई मॉल ने भी संक्रमण रोकने के लिए कदम उठाते हुए बंदी की घोषणा की है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि यहां काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन का क्या होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हॉल, पार्क बंद भले रहें लेकिन उनके कर्मचारियों का वेतन नहीं रुके। श्रम विभाग को यह आदेश दिया है कि सुनिश्चित करें कि किसी भी कर्मी की तनख्वाह रुके नहीं। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बस मालिकों को रखनी होगी यात्रियों की विवरणी

राज्य से बाहर तथा राज्य में लंबी दूरी की बसों के संचालकों को सभी यात्रियों की विवरणी अनिवार्य रूप से रखने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत प्रत्येक यात्रियों के नाम एवं दूरभाष नंबर अनिवार्य रूप से रखना होगा ताकि जरूरत पडऩे पर उन यात्रियों से संपर्क कर उनकी जांच कराई जा सके। स्वास्थ्य सचिव ने कोरोना से बचाव को लेकर परिवहन विभाग से इस संबंध में बस मालिकों को आदेश जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि किसी भी समय राज्य या जिला सर्विलांस इकाई द्वारा सभी यात्रियों की विवरणी मांगी जा सकती है।

राज्य सूचना आयोग में 31 मार्च तक सभी सुनवाई स्थगित

कोरोना वायरस से बचाव व रोकथाम को देखते हुए झारखंड राज्य सूचना आयोग में 31 मार्च तक सभी अपीलवाद-शिकायतवादकी सुनवाई स्थगित कर दी गई है।  सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग से जारी निर्देश के आलोक में यह कदम उठाया गया है। इससे इतर आयोग से जारी बयान के अनुसार 18 मार्च से 31 मार्च तक पूर्व निर्धारित वीडियो कांफ्रेंसिंग, उच्च न्यायालय के माध्यम से पारित न्यायादेश व सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जीवन एवं स्वतंत्रता से जुड़े मामलों की सुनवाई यथावत रहेगी। 31 मार्च को समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि आगे सुनवाई जारी रहेगी या इसे आगे भी स्थगित रखा जाएगा।

आवासीय विद्यालयों में आनन-फानन में शुरू हुई परीक्षा

कोरोना से बचाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा 14 अप्रैल तक स्कूलों को बंद करने के आदेश के बाद कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में मंगलवार से आनन-फानन में परीक्षाएं शुरू हुईं। यह परीक्षा 22 मार्च तक  कक्षाओं के अनुरूप चलेगी। कल्याण विभाग ने इसी के साथ स्कूलों के बंद होने की तिथियां निर्धारित कर दी हैं। इसके तहत दिवाकालीन विद्यालयों को 17 मार्च से ही बंद कर दिया गया। आवासीय विद्यालयों में एक से दो की कक्षाएं 19 मार्च, तीन से पांच की कक्षाएं 20 मार्च तथा छह से 12 की कक्षाएं 22 मार्च से बंद रहेंगी। इस दौरान शिक्षकों व अन्य कर्मियों को स्कूल में उपस्थित होकर मैनुअल उपस्थिति बनानी होगी।

सरकारी स्कूलों में समय पर होगी वार्षिक परीक्षा

सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से सात तक के लिए आयोजित होनेवाली योगात्मक मूल्यांकन परीक्षा (समेटिव असेसमेंट)-2 की परीक्षा पूर्व निर्धारित तिथि 30 मार्च को होगी। झारखंड शैक्षिक अनुसंसाधन एवं प्रशिक्षण परिषद ने मंगलवार को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि परीक्षा से पहले कक्षाओं की उचित साफ-सफाई करें तथा बेंच एवं कुर्सी आदि को उचित तरीके से संक्रमण रहित करें। बता दें कि राज्य सरकार ने कोरोना से बचाव को लेकर 14 अप्रैल तक सभी स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है। हालांकि, इस दौरान परीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य यथावत जारी रहेंगे। सरकारी स्कूलों में समेटिव असेसमेंट-2 परीक्षा 30 मार्च को पूर्वाह्न दस बजे से अपराह्न एक बजे तक स्कूल स्तर पर आयोजित की जाएगी। पहली बार कक्षा पांच से सात के बच्चों का समेटिव असेसमेंट ओएमआर शीट पर होगा। वहीं, कक्षा एक, दो, तीन तथा चार की यह परीक्षा पूर्व की तरह सतत एवं समग्र मूल्यांकन के रूप में होगा।

बच्चों को कैसे मिलेगा मिड डे मील, हो रहा मंथन

राज्य सरकार ने कोरोना से बचाव को लेकर 14 अप्रैल तक स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में संचालित मिड डे मील को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। चूंकि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सभी बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध कराना है, इसलिए इसे कैसे सुनिश्चित किया जाए, इसपर मंथन हो रहा है। इतने दिनों तक मिड डे मील योजना बंद भी नहीं हो सकती। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इसपर मंथन कर रहा है कि बच्चों को मिड डे मील के बदले अनाज दिया जाए या प्रतिपूर्ति राशि। यदि बच्चों के घरों में अनाज पहुंचाना है, तो इसे कैसे संपन्न किया जाएगा। बताया जाता है कि विभाग के पदाधिकारियों ने इसपर मंथन किया, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को इस संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।

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Tags: Corona VirusINDIAjharkhandR24 News
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