Publish Date:Fri, 22/May 2020
R24News : धनबाद। वट सावित्री (बरगदाही अमावस) का पर्व शुक्रवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में सुहागिन महिलाओं ने बरगद के पेड़ पर धागा बांधकर विधिवत पूजा की। हालांकि, इस बार लॉकडाउन के कारण बरगद के पेड़ पर पूजा करने वाली महिलाओं की संख्या बहुत ही कम रही। अधिकतर महिलाओं ने अपने घर में ही बरगद की डाली की पूजा किया। कहीं-कहीं को छोड़ दें तो जो बाहर निकली भी वो शारीरिक दूरी का पालन करती नजर आईं।

शुक्रवार की सुबह से ही पुटकी में महिलाएं अपने सुहाग की सलामती को पूजा-अर्चना करती देखी जा रही हैं। सुहागिनों ने पेड़ में धागा बांधकर अपने पति की दीर्घायु के साथ ही परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन करते हुए महिलाओं ने वट सावित्री पूजा की।

गिरिडीह जिले में सुबह होते ही महिलाएं अपने साथ पूजन सामग्री लेकर जिन स्थानों पर बरगद का पेड़ था, वहां पहुंच गईं। यहां महिलाओं ने विधिवत बरगद के चारो ओर धागा बांधा और मन्नतें मांगीं। महिलाओं ने पति और बच्चों की दीर्घायु की कामना की। इस दौरान सुहागिनों ने खरबूजा, आम, सुराही व श्रृंगार से जुड़े सामान चढ़ाए। हालांकि, इस दौरान यहां शारीरिक दूरी नियम की अवहेलना की गई।

वट सावित्री पूजा को लेकर कोयलांचल से लेकर संताल के कई इलाके में वट वृक्ष के पास सुबह से ही सुहगिनों की भीड़ दिख रही है। यहां इतनी भीड़ है कि शारीरिक दूरी समाप्त हो गई है। आज सुहगिनों के लिये विशेष दिन है। पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रख कर सावित्री, सत्यवान, यमराज के साथ वट वृक्ष की पूजा कर रही है। इस दौरान महिलाओं में कोरोना संक्रमण की चिंता नहीं देखी जी रही है।


