Date:sat/1/Feb/2020
पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण (फाइल फोटो)।
- जुर्माने की राशि नहीं भरने पर छह माह से दो वर्ष की सजा अलग से भुगतनी होगी
- दो अन्य आरोपी में से एक की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरा फरार है
सुपौल R24News: सुपौल की सत्र अदालत ने नाबालिग दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में शुक्रवार को छातापुर के पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविरंजन मिश्र की अदालत ने योगेंद्र के साथ शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव और उमा सरदार को भी दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनपर 3.25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा है। जुर्माने की राशि नहीं भरने पर सभी को विभिन्न धाराओं में छह माह से दो वर्ष की सजा अलग से भुगतनी होगी। मामले के दो अन्य आरोपी में से एक रामफल यादव की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरा आरोपी हरिनारायण शर्मा फरार है।
आईपीसी की इन धाराओं में मिली सजा
- 376: आजीवन कारावास और 1 लाख जुर्माना
- 366: 10 साल सजा और 1 लाख जुर्माना
- 458: 10 साल सजा एवं 1 लाख का जुर्माना
- 324: 3 साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना
क्या है मामला?
पीड़िता ने दर्ज बयान में पूर्व विधायक योगेंद्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव, उमा सरदार, रामफल यादव एवं हरिनारायण शर्मा पर आरोप लगाया था कि 16/17 नबंवर 1994 की रात वह अपने घर में मां के साथ सोई हुई थी। रात में तत्कालीन विधायक समेत अन्य लोग जीप से उसके घर आए और उसे जबरन उठा कर एक कमरे में ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जान बचाने के लिए पीड़िता ने योगेंद्र नारायण का गुप्तांग काट दिया था। इस सिलसिले में पीड़िता के बयान पर संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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