Publish Date:Thu, 11/June 2020
R24News : धनबाद। डाकघर में मंथली इनकम स्कीम (एमआइएस) के नाम पर लाभुकों से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में लंबे समय के बाद आखिर प्राथमिकी दर्ज हुई है। प्रधान डाकघर प्रबंधन ने पुराना बाजार शाखा के एएसएम इकबाल हुसैन के खिलाफ धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया हैं। प्रबंधन ने इकबाल हुसैन को शंटिंग कर दिया है। वित्तीय लेनदेन से संबंधित तमाम कार्य उनसे वापस ले लिए गए हैं। दूसरी ओर घोटोले की आरोपित एजेंसी आशा देवी को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा है, जिसमें सहकारिता विभाग से एजेंसी को रद करने की अपील की गई है।
धनबाद में प्रधान डाकघर व इसके अन्य शाखा से सिंडिकेट ने जिले के लगभग दो सौ लोगों से ठगी की है। इसमें डाक्टर, वकील, व्यवसायी आदि शामिल हैं। सिंडिकेट इतनी तगड़ी है कि लाभुकों के केस के बाद 11 माह हो गए हैं, लेकिन अभी तक आरोपित पकड़े नहीं गए हैं। दूसरी ओर देरी के लिए लाकडाउन को भी विभाग कारण बता रहा है। घोटाला लगभग दस करोड़ से भी ज्यादा का है। सिडिकेंट में एक दर्जन से अधिक लोग हैं।
हालांकि प्राथमिकता के तौर पर डाकघर प्रबंधन ने पांच लोगों को चिन्हित किए हैं। इसमें पूर्व पोस्टमास्टर सुरेश दत्त तिवारी (एसडी तिवारी), एजेंट आशा देवी, इकबाल हुसैन समेत अन्य कर्मी शामिल हैं। घोटाले के मुख्य सरगमा रिटायर पोस्ट मास्टर सुरेश दत्त तिवारी है। वह एजेंट आशा देवी के एजेंसी के द्वारा लोगों से धोखाधड़ी करता था। इस डाकघर घोटाले में एक दर्जन लोग शा़मिल थे।
वकील के खाते से जुलाई 2019 में 47 लाख की निकासी : एसएसएलएनटी अस्पताल से सेवानिवृत्त लिपिक व अधिवक्ता एसबी चटर्जी से 47 लाख रुपये की निकासी कर ली गयी। एसबी चटर्जी के सीनियर सीटिजन स्कीम से 11.90 लाख, उनकी पत्नी शैली चटर्जी के सीनियर सीटिजन के खाते से 14.65 लाख, पुत्री शिल्पी के एमआइएस खाते से 4.86 लाख, दूसरी पुत्री सुमन के एमआइएस से 5.10 लाख रुपये की निकाली कर ली। कुल लगभग 47 लाख रुपये है। सभी खाते 2015 से 2017 के बीच खोले गये। इसकी मैच्यूरिटी डेट 2020 से 22 के बीच थी। लेकिन, प्री मैच्यूरिटी में ही राशि निकाल ली गयी। पीड़ित एसबी चटर्जी एलसी रोड में रहते हैं।
बितन नंदी का फर्जी खाता से सात लाख ठगी : एसएसएलएनटी अस्पताल में ही लिपिक के पद से सेवानिवृत्त बितन नंदी व उनकी पत्नी अल्पना नंदी (संयुक्त खाता) के खाते से सात लाख रुपये निकाल लिये गये। वहां भी आशा देवी एजेंट के माध्यम से सुरेश दत्त तिवारी ने 2015 में खाता खोला था। इसके बाद उनके खाते से भी राशि निकासी कर ली गयी। नंदी ने बताया कि बेटी की शादी अब कैसे होगी, चिंता हो रही है।

घोटाले के सिंडिकेट में हर कोई भागीदारी : बताया जाता है कि सुरेश दत्त तिवारी जिला परिषद में पोस्टमास्टर थे। रिटायर होने के बाद भी विभाग में उनकी धाक थी। इस दौरान उन्होंने एक सिंडिकेट खड़ा कर दिया। उन्होंने मनईटांड़ की ही आशा देवी को एजेंट बनाया। उसके नाम से वे लोगों का खाता खोलते थे। मिली भगत से वह यहां आकर पहले एमआइएस के तहत ग्राहकों का खाता खोलते थे। इसके बाद फोटो, हस्ताक्षर का स्कैन कर लेते थे। सभी फर्जी खाता वह मनइटांड़ में बनाते थे। इसके बाद मूल खाता से पैसा को फर्जी खाते में ले लेते थे और निकासी कर लेते थे। खुद को ही खाता धारक बना लेते थे। अधिकारी और कर्मियों में सेटिंग होने के कारण जांच कर कागजातों को पास कर दिया जाता था। बताया जाता है कि तिवारी की मौत हो गयी है।
पुलिस की भी जांच काफी सुस्त, अभी तक चार्ज शीट नहीं : मामले को लेकर पुलिस भी सुस्त है। पीड़ित चटर्जी व बितन नंंदी ने अगस्त 2019 में केस किया था। वहीं, बुधवार को अब प्रधान डाकघर प्रबंधन ने भी केस किया है। लेकिन अभी तक पुलिस एक भी आरोपितों को नहीं पकड़ पायी है। अभी तक चार्जशीट भी नहीं बनायी जा सकी है। पीड़ितों का कहना है कि इससे पुलिस पर भी संदेह हो रहा है।
इकबाल हुसैन को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ केस किया गया है। पुलिस को सारी सुचनाएं दे दी है। अब पुलिस का काम दोषियों को पकड़ना और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करना है। -केडी सिंह, वरीय डाक अधीक्षक, धनबाद।


