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50 साल का रिकॉर्ड टूटा, मार्च में एक दिन में 45 मिमी बारिश, खेती पर असर

50 साल का रिकॉर्ड टूटा, मार्च में एक दिन में 45 मिमी बारिश, खेती पर असर
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Publish Date:Sun, 15/March2020

  • धान रोपनी के समय भी एक दिन में नहीं हुई थी इतनी बारिश

  • पिछले साल धान का बिचड़ा डालने के समय जून में हुई थी 40 एमएम बारिश

R24News : नवादा/ शुक्रवार और शनिवार को हुई लगातार बारिश ने जिले में भारी तबाही मचा दी है। जिले के किसानों के लिए यह आफत की बारिश साबित हुई। एक झटके में ही करोड़ों के फसल तबाह हो गए। कृषि विभाग इसका आंकलन कर रही है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, जिले भर में 5 करोड़ से अधिक की फसल की क्षति होने का अनुमान है। कृषि विभाग के रिकार्ड के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 45 एमएम से अधिक बारिश हुई है।

सरकारी आकड़े के मुताबिक, एक दिन में इतनी बारिश बरसात के मौसम खासकर धान रोपनी के समय भी नहीं हुई। लगातार तेज बारिश से किसानों को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। हजारों एकड़ गेहूं की फसल सरपट मैदान जैसी हो गई। खेत में लगी मसूर और खलिहाल में रखे मसूर के बोझे बर्बाद हो गए हैं अरहर को भी बड़ी क्षति हुई है। चने की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। तिलहन फसलों को भी क्षति पहुंची है। जिले के किसान मौसम के मिजाज के कारण लगातार नुकसान झेल रहें हैं।

पहले कम बारिश के चलते धान की रोपनी नहीं हो पाई और धान की फसल भी मर गई। खरीफ में नुकसान के बाद किसानों को रबी फसल से भरपाई की उम्मीद थी लेकिन तेज बारिश ने किसानों की आस पर पानी फेर दिया। किसान यह हालत देखकर परेशान हो गए हैं। नारदीगंज के नारदीडीह के धनंजय कुमार, कहुआरा के रामायण सिंह, चंद्रमौली सिंह आदि ने कहा कि आफत की बारिश से सब बर्बाद हो गया है। कर्ज लेकर गेहूं, मसूर और चना लगाया था अब वह भी लौटना भी मुश्किल है।

कृषि वैज्ञानिक कल्पना सिंह ने कहा कि बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान मसूर को हुआ है। गेहूं के लिए अभी महत्वपूर्ण समय है। अभी दाने भर रहें हैं। ऐसे में जो गेहूं की फसल खेत में गिर गई है उसमें दाना पुष्ट नहीं हो पाएगा। कृषि वैज्ञानिक रौशन कुमार बताते हैं कि किसान अभी सबसे पहले खेत से जमें पानी को बाहर निकालें। किसी भी सूरत में खेत में पानी जमा नहीं हो। अभी चार दिनों तक फसल में किसी तरह के केमिकल का छिड़काव नही करना चाहिए।

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Tags: BiharINDIAR24 News
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