Publish Date:Tue, 2/June 2020
R24News : धनबाद नगर निगम में 200 करोड़ रुपये के प्राक्कलन घोटाले की जांच की जवाबदेही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया। मुख्यमंत्री को यह शिकायत मिली थी कि 14वें वित्त आयोग की राशि से बनी सड़कों में गुणवत्ता की कमी सहित कई खामियां बरती गई हैं। घोटाले का आरोप धनबाद के महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल पर है।
शिकायत मिली थी कि सड़कों से संबंधित डीपीआर परामर्शी कंपनी से तैयार कराई गई थी। महापौर के निर्देश पर पहले से ही अच्छी स्थिति में रही पीसीसी सड़कों को तोड़कर प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ाकर फिर से पीसीसी सड़कों का ही निर्माण करा दिया गया। यह भी आरोप है कि परामर्शी मेसर्स मास एंड व्वायड को परामर्शी शुल्क के रूप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुसार मोटी रकम देकर 50 प्रतिशत की राशि महापौर ने वसूल ली। जिन पीसीसी सड़कों का निर्माण कराया गया है, उसकी गुणवत्ता निम्न स्तरीय है।
40 सड़कों के निर्माण की थी स्वीकृति
धनबाद नगर निगम क्षेत्र में 40 सड़कों में से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदाधिकारियों ने बनाया था। इसका डीपीआर बनाने के एवज में कोई परामर्शी शुल्क का भुगतान किसी भी परामर्शी एजेंसी को नहीं किया गया। लेकिन 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर ब्लॉक आदि का प्रावधान होने की वजह से परामर्शी एजेंसी मेसर्स मास एंड व्वायड से इसका डीपीआर और डिजाइन परामर्श शुल्क देकर तैयार कराया गया। इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपये हैं। इन सड़कों के डीपीआर का अवलोकन करने से पता चला कि किसी भी डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं है। डीपीआर में तकनीकी रिपोर्ट भी नहीं है। इसके अलावा सड़क निर्माण में कई खामियां व तकनीकी प्रावधानों के उल्लंघन की शिकायत की गई है।
काम सही तरीके से हुआ है। कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। जांच का हम स्वागत करते हैं। हम पूरा सहयोग करेंगे। हम तो ये कहेंगे कि जितना भी निर्माण कार्य हुआ है सभी की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।
-चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर, धनबाद।


