कोलकाता। बंगाल सरकार की केंद्र के साथ किसी न किसी मुद्दे पर ठनी ही रहती है। इस बार मामला राज्यपाल जगदीप धनखड़ की सुरक्षा से जुड़ा है। बंगाल पुलिस को हटा कर राज्यपाल की सुरक्षा में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) की तैनाती के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले को लेकर राज्य सरकार ने आपत्ति जाहिर की है और चिट्ठी लिख कर फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
सूत्रों ने बताया कि राज्य सचिवालय नवान्न की ओर से केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि आखिर राज्यपाल की सुरक्षा सीआरपीएफ को सौंपने का निर्णय लेने से पहले राज्य सरकार से विचार विमर्श क्यों नहीं किया गया? जबकि, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख की सुरक्षा का पूरा खयाल रखे।
केंद्र को भेजी गई चिट्ठी में राज्य प्रशासन की ओर से कहा गया है कि राज्यपाल के पदभार ग्रहण करने के प्रथम दिन से ही उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा राज्य की ओर से दी जाने लगी फिर अचानक उक्त फैसला किस आधार पर लिया गया? कहा गया है कि राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई कोताही नहीं बरती जाती है फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की तैनाती का फैसला क्यों लिया?