रांची । Jharkhand Assembly Election 2019 कल तक एक दूसरे को बड़ा भाई और छोटा भाई कहने वाले भाजपा और आजसू के रिश्तों में खटास आ गई है। छोटे भाई ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर बड़े भाई को जोर का झटका दिया है। स्पष्ट है विधानसभा चुनाव से पूर्व एनडीए गठबंधन तकरीबन बिखर गया है, औपचारिक घोषणा शेष है। महाराष्ट्र में सहयोगी रहे शिवसेना के रुख के बाद झारखंड में आजसू के फैसले ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी परेशान कर दिया है। आजसू की रांची की प्रेस कांफ्रेंस की चर्चा दिल्ली तक रही।
गठबंधन को ले भाजपा की जिद लोहरदगा और चंदनक्यारी विधानसभा सीट पर अटकी थी। पार्टी ने इसका खामियाजा इससे कहीं अधिक भुगता। आजसू ने इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार देने के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के विधानसभा क्षेत्र चक्रधरपुर से प्रत्याशी दे सीधे-सीधे भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी है। सिमरिया और सिंदरी जहां से भाजपा ने रविवार को प्रत्याशी उतारे थे वहां भी प्रत्याशी उतार दिए हैं। आजसू ने कल मिलन समारोह करने की बात भी कही है, जिसमें कई पार्टियों के नाराज नेता शामिल हो सकते हैं। इनमें कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू और झामुमो के पूर्व विधायक अकील अख्तर का नाम भी लिया जा रहा है।
रांची। Jharkhand Assembly Election 2019 कल तक एक दूसरे को बड़ा भाई और छोटा भाई कहने वाले भाजपा और आजसू के रिश्तों में खटास आ गई है। छोटे भाई ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर बड़े भाई को जोर का झटका दिया है। स्पष्ट है विधानसभा चुनाव से पूर्व एनडीए गठबंधन तकरीबन बिखर गया है, औपचारिक घोषणा शेष है। महाराष्ट्र में सहयोगी रहे शिवसेना के रुख के बाद झारखंड में आजसू के फैसले ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी परेशान कर दिया है। आजसू की रांची की प्रेस कांफ्रेंस की चर्चा दिल्ली तक रही।
गठबंधन को ले भाजपा की जिद लोहरदगा और चंदनक्यारी विधानसभा सीट पर अटकी थी। पार्टी ने इसका खामियाजा इससे कहीं अधिक भुगता। आजसू ने इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार देने के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के विधानसभा क्षेत्र चक्रधरपुर से प्रत्याशी दे सीधे-सीधे भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी है। सिमरिया और सिंदरी जहां से भाजपा ने रविवार को प्रत्याशी उतारे थे वहां भी प्रत्याशी उतार दिए हैं। आजसू ने कल मिलन समारोह करने की बात भी कही है, जिसमें कई पार्टियों के नाराज नेता शामिल हो सकते हैं। इनमें कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू और झामुमो के पूर्व विधायक अकील अख्तर का नाम भी लिया जा रहा है।
गिलुवा ने आजसू को दी थी हद में रहने की नसीहत, हुआ पलटवार
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने पिछले दिनों आजसू को हद में रहने की नसीहत दी थी। स्पष्ट कहा था कि आजसू को जितनी सीटें पिछले चुनाव में दी गई थी, उससे एक सीट अधिक नहीं दी जाएगी। आजसू के चक्रधपुर से प्रत्याशी उतारने को गिलुवा पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि पिछले चुनाव में भाजपा ने आजसू को महज आठ सीटें दी थीं।