कोलकाता। बंगाल विधानसभा में 30 अगस्त को ही मॉब लिंचिंग के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग बिल 2019 पास किया गया, जिसके तहत दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है। यहां तक कि दोषी पाए जाने पर मौत की सजा तक का प्रावधान है। बावजूद इसके बंगाल में भीड़ द्वारा हमला और लिंचिंग (पीटकर हत्या) का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा।
आलम यह है कि करीब सप्ताह भर के भीतर उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, आसनसोल और कूचबिहार जिले से आधे दर्जन से अधिक लिंचिंग के मामले प्रकाश में आए हैं। अकेले आसनसोल से सात दिनों में चार लिंचिंग के मामले सामने आए हैं।
बुधवार सुबह भीड़ ने पश्चिम बर्द्धमान जिले के आसनसोल में एक शख्स को बच्चा चोर बताकर पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस दिन सुबह आसनसोल के बेंजामारी इलाके में तीन युवक को लोगों ने इलाके का चक्कर लगाते देखा। उनसे पूछताछ की गई तो सटीक उतर नहीं मिला, फिर क्या था भीड़ ने युवकों को पकड़ने की कोशिश की।
इनमें दो तो भाग निकले लेकिन एक युवक भीड़ के हत्थे चढ़ गया। उसे इतना मारा-पीटा गया कि अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। घटना की खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंचे। युवक को पुलिस आसनसोल जिला अस्पताल ले गई जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठता है। आरोप है कि पुलिस मौके पर काफी देर से पहुंची।
पुलिस उपायुक्त अभिषेक गुप्ता ने कहा कि हम पीड़ित की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस बीच, पुलिस की ओर से लोगों को सचेत करते हुए प्रचार भी किया जा रहा है।
बता दें कि 30 अगस्त को राज्य विधानसभा द्वारा प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग बिल 2019 पास किए जाने के बाद ये इस तरह के दूसरा मामला है जब पीड़ीत की मौत हो गई है। इसके अलावा भीड़ द्वारा हमले के तीन अन्य पीडि़तों ने किसी तरह अपने जान बचाई। मंगलवार को ही कूचबिहार जिले के दिनहाटा स्थित बड़ाईबाड़ी में एक मानसिक विक्षिप्त युवक को भीड़ ने बच्चा चोर समझ कर जमकर मारापीटा। हालांकि समय रहते पुलिस पहुंच गई और उसकी जान बचाई जा सकी।