नई दिल्ली, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा ‘सैकड़ों साल पुराना विवाद खत्म हो गया है। आज का दिन ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश के लिए नया सवेरा है। अब हम सबकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हम सबको विवाद भूलकर राष्ट्र निर्माण में जुट जाना है। नये भारत के निर्माण में कोई पीछे नहीं छूटना चाहिए।’ मोदी ने कहा कि सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का दिन है।
इसी दिन जर्मनी की दीवार गिरी थी
सुप्रीम कोर्ट का सर्वसम्मत से लिये गये फैसले में अदालत की दृढ़ता और उसकी इच्छाशक्ति दिखती है। नौ नवंबर को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि इसी दिन जर्मनी की दीवार गिरी थी और जब दो विरोधी धाराएं एक हुईं थीं। नौ नवंबर यानी आज ही करतारपुर कारीडोर की शुरुआत हुई। नौ नवंबर को अयोध्या पर फैसला आया है। यह दिन हमें एक साथ रहने की सीख दे रही है। लोगों को जोड़ने, जुड़ने और मिलकर जीने का दिन है। उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका में आज का दिन स्वर्णिम अध्याय है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सबको को धैर्य से सुना। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा ‘इन सारी बातों को लेकर कभी कोई कटुता रही होगी तो उसे भी उसे तिलांजलि देने का दिन है।’
कठिन से कठिन मसले का हल भी कानून के दायरे में
उन्होंने कहा कि देश की विविधता में एकता के प्राण तत्व को समझने के लिए आज की घटना का उल्लेख जरूरी होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र तो है, लेकिन इसकी जीवंतता और मजबूती को शीर्ष अदालत के फैसले के बाद जिस तरह हर वर्ग व पंथ और समुदाय ने स्वीकार किया है, उससे समझा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने देश को यह संदेश भी दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल भी कानून के दायरे में आता है। हमे इससे सीख मिलती है कि समय भले लगे, लेकिन मसले के हल के लिए धैर्य बहुत जरूरी है।