Publish Date:Tue, 17/March2020
R24News : धनबाद/ मेडिकल कॉलेजों में आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मियों की बहाली और टेंडर में गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला पीएमसीएच का है, जहां खास एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए उसे अधिक दर पर आउटसोर्सिंग के जरिए स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा देने के लिए चयन कर लिया गया। शिकायत के अनुसार जिस एजेंसी के साथ पहले कम दर पर सफाई कर्मियों की सेवा देने के लिए करार हुआ था उसी एजेंसी को काम शुरू होने के पांच माह के भीतर ही अधिक दर पर कार्य आदेश दे दिया गया।
यह मामला मुख्यमंत्री सचिवालय के पास पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग भी रेस हो गया है। विभागीय मंत्री के आदेश पर विभाग के संयुक्त सचिव दिलेश्वर महतो ने पीएमसीएच के अधीक्षक से इस गंभीर शिकायत पर मंतव्य के साथ रिपोर्ट मांगी है। साथ ही टेंडर से संबंधित सारे कागजात उपलब्ध कराने को कहा है।
पांच लाख में काम देने के बाद फिर टेंडर कर वही काम 19 लाख में दिया
विधायक मथुरा महतो ने टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की थी। विधायक ने अपनी शिकायत में कहा है कि मॉडल टेंडर के नाम पर पीएमसीएच में घोर वित्तीय अनियमितता बरती गई। मेसर्स वर्मा इंटरप्राइजेज को साफ-सफाई का कार्य पूर्व में 5 मार्च 2019 से 4 मार्च 2022 तक 4.84 लाख रुपये प्रतिमाह की दर पर करने का आदेश दिया गया था। तीन वर्षों के लिए एकरारनामा भी किया गया, लेकिन कार्य शुरू करने के पांच माह के भीतर ही उसी एजेंसी को टेंडर कराकर 4.84 लाख रुपये प्रतिमाह का काम 19 लाख रुपये प्रतिमाह की दर से दे दिया गया।
अधीक्षक से मांगे गए ये कागजात
टेंडर के तकनीकी भाग में 200 कर्मचारियों का ईपीएफ एवं ईएसआइ जमा किए जाने का प्रमाणपत्र
पिछले तीन वर्षों के लिए 2.50 करोड़ रुपये के वार्षिक टर्न ओवर संबंधित कागजात।
पेस्ट कंट्रोल का प्रमाणपत्र एवं पांच लाख रुपये का अग्रधन संबंधित कागजात।
टेंडर से संबंधित अन्य कागजात।


