Publish Date:Thu, 06 Feb 2020
R24news :गया. महाबोधि मंदिर के सार्वभौमिक मूल्यों व संवेदनशीलता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। विश्व धरोहर होने के कारण उसकी संवेदनशीलता बढ़ गई है, बावजूद उचित मानक के अनुसार उसकी सुरक्षा व व्यवस्था नहीं है। महाबोधि मंदिर में सात जुलाई 2013 को सीरियल बम ब्लास्ट व 19 जनवरी 2018 को मिले बम के बाद सुरक्षा की जो व्यवस्था होनी चाहिए, वह अब भी नहीं दिख रही है। इसके संरक्षक ही तय मानकों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विशेष शाखा पटना ने इन्हीं कमियों को लेकर डीएम व एसएसपी को एक पत्र भेजा है, जिसमें 17 प्वायंटों पर सुधार को कहा है। खासकर बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति(बीटीएमसी) व मंदिर की सुरक्षा में तैनात बीएमपी की कमियों की ओर इशारा किया गया है।
- विशेष शाखा पटना ने डीएम और एसएसपी को भेजा पत्र
- संवेदनशील जगहों पर नहीं लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
संवेदनशील जगहों पर नहीं है सीसीटीवी कैमरे: बोधगया मठ के गेट संख्या दो के नजदीक दुकान क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे नहीं है। इसके अलावा समाधि क्षेत्र में भी कैमरे नहीं है, जहां कैमरे लगाने की अनुशंसा की गई है। क्षतिग्रस्त दिवाल के सहारे आसानी से कोई भी प्रवेश कर सकता है। कैमरे का एंगल ऐसा हो, जिससे मंदिर के अंदर व बाहर के सभी हिस्से कवर हों। इसके अलावा प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा राउंड द क्लॉक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया है।
मंदिर के बाहर हो पुलिस बैरक
विशेष शाखा ने बीएमपी पुलिस बैरक को मंदिर परिसर के बाहर करने को कहा है। इसके अलावा वाच टावर संख्या छह को कर्मियों के लिए असुविधाजनक बताया है। मंदिर की सुरक्षा के लिए बीएमपी के 3 पुरूष कंपनी व 1 महिला कंपनी तैनात है। एक सब इंस्पेक्टर व एक डीएसपी है। सीमित संख्या में बीटीएमसी जारी करे पास: बीटीएमसी मोबाइल के लिए सीमित संख्या में पास जारी करे। मंदिर परिसर के अंदर वाहन प्रवेश बिल्कुल बंद करने को कहा व कहा, बीटीएमसी इसके लिए पास जारी नहीं करे। जयप्रकाश उद्यान में लगे डा आंबेडकर को लेकर भी निर्देश जारी किया है। मंदिर से सटे होने के कारण, मूर्ति की सीढ़ी पर सीमित लोग ही चढ़े, व उद्यान में दौरान उसकी जांच का निर्देश दिया है।
मंदिर सुरक्षा की हो रैंडम जांच
डीएम व पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को मंदिर की सुरक्षा व कर्मियों की अचानक, बिना पूर्व सूचना की जांच हो। हर लेयर पर सुरक्षा की जिम्मेवारी अवर निरीक्षक पद को देने को कहा। अलर्ट के लिए सायरन लगाने का निर्देश दिया गया है। अग्निशमन यंत्र की जांच हाते रहना चाहिए। बीटीएमसी के निकट बैठने वाले भिक्षारी व नकली भिक्षु पर कार्रवाई का निर्देश दिया। किसी भी आकस्मिकता के लिए एक योजना पहले से तैयार रखने को कहा है।
बिना भेदभाव सभी की हो जांच
मंदिर में प्रवेश से पहले बिना भेदभाव के सभी की जांच हैंड मेटल डिटेक्टर से भी होनी चाहिए। इसे अनिवार्य बनाने को कहा है। प्रवेश के दौरान कैमरा, बैग सहित अन्य की समुचित जांच के लिए बगेज स्क्रीनिंग मशीन का इस्तेमाल हो। इसके लिए प्रतिनियुक्त बीएमपी कर्मियों का प्रशिक्षण सीआईएसएफ से करवाने को कहा है। मंदिर के आसपास के आवासों की जांच हों व उनके चरित्र का सत्यापन निश्चित रूप से करवाने को कहा है।