Publish Date:Thu, 06 Feb 2020
R24news :चाईबासा. बुरुगुलीकेरा नरसंहार के 16वें दिन जदयू प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने बुरुगुलीकेरा गांव पहुंचकर मामले की पड़ताल की। पड़ताल के बाद सालखन ने सीधे तौर पर झारखंड सरकार और चर्च को निशाने पर लेते हुए कहा- भारत सरकार इस मामले पर एनआईए से जांच कराए, अन्यथा राज्य सरकार और चर्च झारखंड को बर्बाद कर देंगे।
- सालखन मुर्मू ने कहा- आदिवासियों को देश के खिलाफ भड़काकर फैलायी जा रही हिंसा
- एनआईए से हो जांच वरना राज्य सरकार और चर्च कर देंंगे झारखंड को बर्बाद: सालखन
जदयू प्रदेश अध्यक्ष के साथ आई टीम ने गाँव में पीड़ित परिवारों के अलावा अन्य ग्रामीणों से मिलकर घटना की जानकारी ली। टीम में सुमित्रा मुर्मू, सतीश चंद्र चंद्रवंशी, विनोद गोप, सूबेदार बिरुवा, सोनाराम सोरेन और कविराज मुर्मू शामिल थे। बुरुगुलीकेरा से लौटने के बाद जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने सोनुआ बाजार में कहा- बुरुगुलीकेरा नरसंहार के पीछे पत्थलगड़ी समर्थक और विरोध का विवाद है। इस घटना में न तो पीएलएफआई है और न ही माओवादी। आपसी रंजिश से भी टीम ने इनकार किया। दावे के साथ कहा- विवादित पत्थलगड़ी निश्चित रूप से भारत के संविधान और व्यवस्था के विरोधियों के सहयोग से संचालित है। इस पत्थलगड़ी में संविधान की गलत व्याख्या और प्रचार कर आदिवासियों को देश के खिलाफ भड़काकर हिंसा फैलाने का काम हो रहा है।
गुदड़ी थाने में दर्ज दोनों मामलों में पुलिस अनुसंधान पूरा
बुरुगुलीकेरा नरसंहार को लेकर गुदड़ी थाने में दर्ज दो मामलों में जिला पुलिस का अनुसंधान एक तरह से पूरा हो गया है। कांड संख्या-3 के तहत नरसंहार और कांड संख्या 4 के तहत पत्थलगड़ियों समर्थकों के घरों में तोड़फोड़ और लोदरो बूढ़ और रोशन बरजो के अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। लोदरो बूढ़ और रोशन बरजो को पुलिस ने मंगलवार को बरामद कर लिया। दोनों ने चाईबासा कोर्ट पहुंचकर अपना बयान भी दर्ज कराया है। दोनों पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है। लेकिन इससे साफ हो गया है कि मृत उपमुखिया व अन्य सात पर जिनके अपहरण का मामला था, वे सुरक्षित थे। इस मामले में पीएलएफआई के एरिया कमांडर मंगरा लुगुन को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है। एसपी इंद्रजीत माहथा के अनुसार, दो लापता लोगों की बरामदगी के बाद अनुसंधान पूरा हो गई है। लेकिन एसआईटी की जांच जारी है।
दोनों मामलों में ये लगे हैं धारा
कांड संख्या 3/20- (नरसंहार पीडितों द्वारा 14 नामजद और 200 अन्य पर किया गया केस)
147 : गैर कानूनी जमावड़ा लगाकर फरमान जारी किया।
148 : घातक आयुध सेे सज्जित होकर बैठक में शामिल होना।
149 : गैरकानूनी कार्य के लिए सभा में गलत कानूनी फैसला, सभी हैं दोषी।
302 : जघन्य हत्याकांड को अंजाम देना।
201 : जानबूझकर अपराध के सबूत मिटाना।
कांड संख्या- 4/20 (पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा मृत सात लोगों पर किया गया केस)
143 : गैरकानूनी जनसमूह लेकर कार्रवाई करना।
427 : कुचेष्टा कर किसी को नुकसान पहुंचाना।
364 : हत्या के उद्देश्य से अपहरण करना।
जदयू जांच टीम के रिपोर्ट के मायने
- विवादित पत्थलगड़ी के टशन में हुअा है नरसंहार ।
- पत्थलगड़ी केस वापस लेने से समर्थकों का मन बढ़ा।
- चर्च और विदेशी ताकतों का समर्थन पत्थलगड़ी को।
- आदिवासियों को देश के खिलाफ भड़काया जा रहा।
प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हेमंत सरकार दोषी
जदयू प्रदेश अध्यक्ष कहा- बुरुगुलीकेरा नरसंहार के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हेमंत सरकार दोषी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ लेते ही पत्थलगड़ी से संबंधित सभी मुकदमों को वापस लेने की घोषणा कर संविधान विरोधियों को उत्साहित किया। विवादित पत्थलगड़ी को बढ़ावा देने में चर्च और विदेशी ताकतों का भी हाथ हो सकता है।
मृतकों के आश्रितों को प्रशासन ने सौंपा 50-50 हजार का चेक
बुधवार को जिला प्रशासन की ओर से गुलीकेरा पंचायत भवन में मृतकों के आश्रितों के बीच 50-50 हजार रुपए का चेक वितरित किया गया। डीसीएलआर एजाज अनवर, डालसा के सचिव कुमारी जीऊ और गुदड़ी बीडीओ सुनील वर्मा ने सभी सात मृतकों के आश्रित को चेक सौंपा। इसके अलावा महिला स्वावलंबन योजना के तहत उपमुखिया जेम्स बुढ़, जावरा लोमगा और निर्मल बूढ़ की विधवाओं को पांच-पांच बकरी और खेती के लिए बीज उपलब्ध कराए। बीडीओ सुनील वर्मा ने बताया- डालसा की तरफ से आश्रितों को 25-25 हजार रुपए जल्द दिए जाएंगे।