Publish Date:Sat, 15/Feb2020
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02 करोड़ की लागत से ओरमांझी में मछली घर के समीप बन रहा बटरफ्लाई पार्क
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40 से अधिक प्रजाति के पेड़-पौधे भी होंगे, 02 फेज में पूरा किया जाएगा काम
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31 मार्च तक काम होगा पूरा, बरसात में फेज वन चालू होने की संभावना
R24News : ओरमांझी/ बिरसा जैविक उद्यान ओरमांझी में पर्यटक अब रंग-बिरंगी तितलियों का दीदार कर सकेंगे। उद्यान प्रशासन मछली घर के समीप 2 करोड़ से बटरफ्लाई पार्क बना रहा है। रेंजर रामचंद्र पासवान ने बताया कि यह राज्य का पहला बटरफ्लाई पार्क होगा। फिलहाल जमशेदपुर और नामकुम के बायोडायर्वसिटी पार्क में छोटे स्तर पर बना है। बिरसा जैविक उद्यान के निदेशक वेंकटेश्वर लू ने बताया कि पार्क 19 एकड़ में दो फेज में बनेगा। अगले वर्ष तक पर्यटक रंग-बिरंगी तितलियों का दीदार कर सकेंगे। पार्क में क्लोज व ओपन स्पेस बनेगा, जहां झारखंड में पाई जाने वाली तितलियों को रखा जाएगा। इसमें पाथवे, घेराबंदी व बागवानी के साथ बटरफ्लाई होस्ट प्लांट और नेकटार प्लांट लगाए जाएंगे।
ये तितलियां दिखेंगी
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प्लेन टाइगर, कोस्टर, स्ट्राकल टाइगर, कॉमन क्रो, कॉमन इवनिंग ब्राउन, ब्लू टाइगर, कॉमन लेपर्ड, कॉमन नवाब समेत कई प्रकार की तितलियां देखने को मिलेंगी।
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प्लेन टाइगर में जहरीले तत्व होते हैं जिससे पक्षी इन्हें खाने से परहेज करते हैं।
पार्क में तितलियों के दो तरह के होंगे घर
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फेज वन : काम शुरू कर दिया गया है, जो 31 मार्च तक पूरा होगा। इसमें प्राकृतिक रूप से तितलियों को रहने लायक पार्क तैयार किया जाएगा।
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फेज दो : यहां कृत्रिम रूप से तितलियों का घर होगा, जो चारों ओर से बंद होगा। यहां तितलियाें का पालन-पोषण के साथ ब्रीडिंग कराई जाएंगी।
तितलियों के रहने के प्लांट
लेमन, मैंगो, ऑरेंज, लीची, करी पत्ता, शीशम, सखुआ आदि। सखुआ के पेड़ में जब फूल निकलते हैं, तब वहां तितलियों का जमावड़ा होता है।
पार्क में 2 प्रकार के होंगे पौधे
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बटरफ्लाई होस्ट प्लांट : इस पेड़ और पौधे के पत्ते से निकले लार्वा को तितलियां भोजन के रूप में इस्तेमाल करतीं हैं।
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नेक्टार प्लांट: ये वे पेड़ और पौधे होते हैं, जिसके पराग पर तितलियां अटखेलियां यानी खेलती-कूदती हैं।