Publish Date:Sun, 16/Feb2020
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टेलीकॉम कंपनियों ने एजीआर के 1.47 लाख करोड़ नहीं चुकाए, इससे सुप्रीम कोर्ट नाराज
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एयरटेल ने कहा- 10000 करोड़ का भुगतान 20 फरवरी तक, बाकी रकम 17 मार्च तक चुका देंगे
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वोडाफोन-आइडिया का कहना है कि यह आकलन किया जा रहा है कि कितनी रकम चुका सकते हैं
R24News : देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि कोई टेलीकॉम कंपनी दिवालिया होती है तो बैंकों को कीमत चुकानी पड़ेगी। उनका बयान एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के एक दिन बाद आया है। रजनीश कुमार ने कहा कि किसी कंपनी पर नकारात्मक असर होता है तो उससे एक बड़ा ईकोसिस्टम प्रभावित होता है। चाहे बैंक हों, कर्मचारी और वेंडर हों या फिर उपभोक्ता हों, सभी पर असर पड़ता है। ऐसे में हमें कीमत चुकानी पड़ती है।
कोई कंपनी बंद हुई तो बैंकों का एनपीए बढ़ेगा
एसबीआई चेयरमैन का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि एजीआर का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से कोई कंपनी बंद होती है तो बैंकों का एनपीए बढ़ेगा। रजनीश कुमार ने बताया कि पहले ही दिवालिया हो चुकीं दो टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल के कर्ज भी एनपीए की श्रेणी में हैं। रजनीश कुमार ने कहा कि कोई कंपनी बंद होने से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसलिए यही कोशिश रहती है कि कोई कंपनी बंद न हो।
एजीआर मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी
उधर, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आरबीआई के स्तर पर कोई मुद्दा उठता है तो आंतरिक चर्चा की जाएगी। टेलीकॉम कंपनियों ने 23 जनवरी की तय डेडलाइन गुजर जाने के बावजूद 1.47 लाख करोड़ रुपए के एजीआर का भुगतान नहीं किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कड़ी नाराजगी जताई। मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।


