Publish Date:Tue, 03/March2020
-
साल 2014-15 के बाद प्रति व्यक्ति ऋण लगभग दाेगुना, 2019-20 में 24 हजार रुपए तक पहुंचने का अनुमान
-
श्वेत पत्र के माध्यम से हेमंत सरकार ने अपना निष्कर्ष दिया है कि वर्तमान में चुनौतियां गंभीर हैं। वित्त व्यवस्था कमजोर है
R24News : रांची/ नई सरकार ने अपने पहले बजट से पहले पिछले पांच साल के वित्त एवं विकास की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी किया है। वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने 2019-20 के आर्थिक सर्वेक्षण के बाद ये श्वेत पत्र सदन के समक्ष रखा। हेमंत सरकार ने इस श्वेत पत्र के जरिये पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल को वित्तीय संकट का काल करार दिया। इस अवधि में राज्य को केंद्र से पर्याप्त राशि मिलती रही। लेकिन आंतरिक स्रोतों से क्षमता से कम राजस्व संग्रहण के कारण व बिना गहन कॉस्ट बेनिफिट का अध्ययन कर अनुपयोगी योजनाएं शुरू की गईं। इसके कारण वर्तमान में राजकोष अभावग्रस्त हो गया है।
साल 2014-15 के बाद प्रति व्यक्ति ऋण लगभग दाेगुना हाे चुका है। साल 2014-15 में प्रति व्यक्ति ऋण करीब 12हजार रुपए था जाे साल साल 2018-19 तक लगभग 22 हजार रुपए हाे गया है। अाैर साल 2019-20 में इसके करीब 24 हजार रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। श्वेत पत्र के माध्यम से हेमंत सरकार ने अपना निष्कर्ष दिया है कि वर्तमान में चुनौतियां गंभीर हैं। वित्त व्यवस्था कमजोर है।
रघुवर सरकार की बेकार की योजनाओं से पड़ रहा 33179 करोड़ का भार
श्वेत पत्र के अनुसार रघुवर सरकार में गहन अध्ययन के बिना योजनाओं का चयन हुआ जिससे 33179 करोड़ का दायित्व सरकार पर पड़ा है।
श्वेत पत्र में नई सरकार ने बताए राजस्व हानि के ऐसे उदाहरण
-
1000 करोड़ की राजस्व हानि सरकार को शराब की बिक्री अपने हाथों में लेने से हुई। उत्पाद कर में गिरावट से ये नुकसान 1 साल में ही हुआ।
-
1238 करोड़ की राजस्व हानि 50 लाख तक की संपत्ति की रजिस्ट्री महिलाओं के लिए 1 रुपए में करने का प्रावधान करने से हुई।
-
800 करोड़ की राजस्व हानि राज्य में पेट्रोल व डीजल पर ढाई रुपए की छूट देने से हुई। जबकि अन्य राज्यों में अधिक दर के बावजूद छूट नहीं थी।