Publish Date:Thu, 20/Feb2020
- सीबीआई जांच रुकवाने के लिए पुलिस ने कारोबारियों से वसूले 19 करोड़ रुपए
- कोयला व्यवसायी, ट्रांसपोर्टर, बिल्डर और एसपी रैंक के अफसरों से हुई पैसों की उगाही
R24News : पलामू में हुए बकोरिया कांड की सीबीअाई जांच रुकवाने के लिए पुलिस अफसरों ने कारोबारियों से 19 करोड़ रुपए की उगाही की थी। इतनी बड़ी रकम से सुप्रीम काेर्ट के अधिवक्ताओं समेत केस से जुड़े वरिष्ठ अफसरों को मैनेज करना था। जांच एजेंसी के एक विंग ने इसका खुलासा किया है। इस विंग के अनुसार, रकम की उगाही विभिन्न जिलों के कोयला व्यवसायियों, ट्रांसपोर्टर्स, बिल्डर, होटल कारोबारी समेत एसपी रैंक के पुलिस अधिकारियों से की गई। इसके लिए संबंधित जिलों के पुलिस अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच के दौरान उगाही और उसमें संलिप्त पुलिस अधिकारियों की जानकारी विंग को कॉल सर्विलांस से मिली है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि उगाही की गई रकम दिल्ली भेजवाने में रांची रेंज में पदस्थापित एक वरीय पुलिस अफसर की सक्रिय भागीदारी रही है। झारखंड हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के भाई सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं, जिन्होंने पूरे मामले को मैनेज करने के लिए जिम्मेवारी ली थी। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद सीबीआई जांच को एक और मुख्य कड़ी मिल गई है। उगाही और केस मैनेज करने की कॉल रिकॉर्डिंग मिलने के कारण जांच और तेज कर दी गई है। यह साक्ष्य मिलने से कई आईपीएस अधिकारियों पर गाज गिरना तय हो गया है।
राजधानी ट्रेन से तीन बैग में दिल्ली भेजे गए थे 10 करोड़
जांच एजेंसी ने यह भी खुलासा किया है कि डीएसपी स्तर के पुलिस अफसरों द्वारा उगाही की कॉल रिकॉर्डिंग मिलने के बाद इसकी अंदरुनी जांच शुरू की गई। इसमें यह पता चला कि उगाहे गए 19 करोड़ रुपए को दिल्ली भेजा जाना था, ताकि सीबीआई जांच पर रोक लगाई जा सके। इसमें रांची रेंज के वरिष्ठ पुलिस अफसर ने मुख्य भागीदारी निभाई। उन्होंने अपने आदमियों से 10 करोड़ रुपए दिल्ली भेजवाए थे। यह रकम तीन बैग में भरकर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली भेजे गए थे। उगाही के सबूत मिलने के बाद इसमें संलिप्त चार कोयला व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टर से पूछताछ हो चुकी है।
सरकार को भरोसा में लेकर पुलिस अफसरों ने कराई थी एसएलपी
सीबीआई जांच रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों ने रघुवर सरकार को विश्वास में लिया था। भरोसा दिलाया था कि एसएलपी के तहत सीबीआई जांच रुकवाई जा सकती है। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। कहा था- मुठभेड़ के बाद पुलिस को सताने की कोशिश हो रही है। लेकिन कोर्ट ने सीबीआई जांच को सही करार देते हुए सरकार की इस बात को खारिज कर दिया था।
सीआईडी जांच पर संदेह के बाद हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश
बकोरिया गांव में 8 जून 2015 को तथाकथित मुठभेड़ हुई थी। 22 अक्तूबर 2019 को हाईकोर्ट ने बकोरिया मुठभेड़ कांड की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने सीआईडी अनुसंधान के कई बिंदुओं पर संदेह जताया था। इसके बाद 19 नवंबर को सीबीआई दिल्ली की स्पेशल सेल ने इस मामले में केस दर्ज किया था।


