Publish Date: Sat, 8/Feb2020
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पोर्न वेबसाइट को ब्लॉक किए जाने के बाद अब इंटरनेट यूज़र गूगल पर नए टर्म्स से ऐसे वीडियोज़ ढूंढ़ रहे
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सोमवार रात 11 से 12 बजे तक गूगल ट्रेंड्स एनालिटिक्स और एलेक्जा रैंकिंग के डेटा से सामने आया
R24News : पटना/ गूगल सर्च कर पोर्न वीडियोज़ राजधानी में सबसे ज्यादा पटना जंक्शन के दायरे में देखे जा रहे हैं। सोमवार रात 11 से 12 बजे तक गूगल ट्रेंड्स एनालिटिक्स और एलेक्जा रैंकिंग के डेटा से सामने आया कि मोबाइल वीडियोज़ देख रहे यूजर्स में 96 प्रतिशत पोर्न कंटेंट पर नज़र गड़ाए थे। इसी समय सचिवालय-आसपास में यह आंकड़ा शून्य पर था, हालांकि रात गहराई तो यहां वीरानी में भी लोग नेट पर एक्टिव हुए और ऐसे कंटेंट देखने लगे। सचिवालय का आंकड़ा मंगलवार को लंच आवर में और बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच गया। चिंता की बड़ी बात यह सामने आई कि रात में बोरिंग रोड, पटेल नगर, एसकेपुरी, किदवईपुरी आदि के कई हॉस्टल कैंपस के ऐसे आंकड़े निकाले गए तो यह 39 से 43 प्रतिशत के बीच आए। देश में पिछले साल बड़ी तादाद में पोर्न वेबसाइट को ब्लॉक किए जाने के बाद अब इंटरनेट यूज़र गूगल पर नए टर्म्स से ऐसे वीडियोज़ ढूंढ़ रहे हैं, देख रहे हैं। लेकिन, सिर्फ यूजर ही गूगल पर सबकुछ नहीं देख रहे, उन्हें भी कोई देख रहा है। किसी पर नज़र रखना गलत है, लेकिन बात समाजहित की है इसलिए भास्कर ने 03 फरवरी से 04 फरवरी की शाम के बीच गूगल ट्रेंड का अध्ययन किया।
सचिवालय की सुनसान सड़कों पर भी यूज़र, लंच आवर में ज्यादा देखे
भास्कर ने आईटी एक्सपर्ट राजेश कुमार की मदद से 24 घंटे तक पटना में गूगल ट्रेंड्स एनालिटिक्स और एलेक्जा रैंकिंग के रैंडम आंकड़े देखे तो सोमवार रात 9 से 11 बजे तक सचिवालय क्षेत्र में कोई भी गूगल के जरिए पोर्न कंटेंट देखने वाला नहीं मिला, लेकिन रात 11:36 बजे नेट पर एक्टिव लोगों में 7 प्रतिशत पोर्न देख रहे थे। मंगलवार दोपहर सचिवालय में आंकड़ा 12 प्रतिशत तक चला गया। संत माइकल, नॉट्रेडम और डॉन बॉस्को में सोमवार देर रात और मंगलवार दोपहर को शून्य प्रतिशत का आंकड़ा मिला।
पोर्न के अंधेरे में राजधानी के पीजी और हॉस्टल, यहां भी सर्चिंग तेज
हॉस्टल में विद्यार्थी पढ़ने के लिए रहते हैं और देखरेख भी भरोसेमंद पर रहती है, लेकिन बोरिंग रोड के तीन, एसकेपुरी, किदवईपुरी और पटेलनगर के एक-एक गर्ल्स हॉस्टल में रात 11:16 पर गूगल के जरिए वीडियोज़ देखने वालों में 39 प्रतिशत यूज़र पोर्न वीडियो देख रहे थे। बोरिंग रोड के एक कॉमन हॉस्टल में देर रात यह आंकड़ा 43 प्रतिशत मिला। लगभग शत प्रतिशत हॉस्टल में केयरटेकर से रसोइए तक पुरुष हैं, संभव है कि वही देखते हों लेकिन यह सहज कतई नहीं है।
सर्विस प्रोवाइडर को पता है सर्च टर्म, वहीं से रोक संभव
आईटी एक्सपर्ट राजेश कहते हैं कि आईएसपी, यानी मोबाइल इंटरनेट या वायर्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को पता है कि किसी खास इलाके में किस सर्च टर्म पर लोग हिट कर रहे हैं। ऐसे एक-एक टर्म को ब्लॉक करना आईएसपी के लिए संभव है। इन्हें इससे डेटा बेचने का मौका मिलता है, इसलिए नहीं रोकते हैं। अगर सरकार सब्सिडी जैसी कोई व्यवस्था करे तो आईएसपी इसके लिए आसानी से राजी हो सकते हैं। यही अंतिम उपाय है।


