Publish Date: Wed, 12/Feb2020
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प्रोजेक्ट भवन सभागार में विधानसभा सदस्यों के लिए दो-दिवसीय प्रबोधन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे सीएम
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सीएम ने संसदीय व्यवस्था के सफल संचालन में सभी दलों के विधायकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया
R24News : रांची/ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सभी दलों के विधायकों को संसदीय व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए। दलगत भावना से ऊपर उठ कर जनहित के लिए सदन में अपनी बातें रखनी चाहिए। वे प्रोजेक्ट भवन सभागार में मंगलवार को पंचम झारखंड विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो-दिवसीय प्रबोधन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संसदीय व्यवस्था के सफल संचालन में सभी दलों के विधायकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि पक्ष और विपक्ष का किसी विषय पर एकमत होना अपवाद की स्थिति है। लेकिन, असहमतियों के बावजूद एक-दूसरे के विचारों को सम्मान देना ही लोकतंत्र की खूबी है। इस अवसर पर सभी मंत्री, विधायक, लोकसभा के पूर्व महासचिव जीसी मल्होत्रा, राज्यसभा के पूर्व अपर सचिव एनके सिंह, पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च में लेजिस्लेटिव कार्यों के संचालक प्रमुख चक्षु राय, विधानसभा सचिव महेंद्र प्रसाद आदि उपस्थित थे। संचालन मिथिलेश मिश्र ने किया। उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र चला इसमें विधाई कार्यों के बारे में जानकारी दी गई।
हमें किसी को आईना दिखाने की जरूरत नहीं, सभी का अहम रोल
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि हमें किसी को आईना दिखाने की जरूरत नहीं, खुद को शीशे में उतारना होगा। सदन के संचालन में विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, सभी विधायक और सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ मीडिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। विधानसभा सदस्य लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
केवल संख्या बल के आधार पर कानून नहीं थोपा जाना चाहिए
आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के सहयोग से ही राज्य की प्रगति के लिए नियम और कानून बनाए जाते हैं। पर, केवल संख्या बल के आधार पर ही राज्य की जनता पर कानून नहीं थोपा जाना चाहिए। कई ऐसे कानूनों का आम जनता पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
संसदीय कार्यों में विधायकों की घटती रूचि चिंताजनक : स्पीकर
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि संसदीय कार्यों में विधायकों की अभिरूचि का कम होना चिंताजनक है। महत्वपूर्ण विधेयक बिना चर्चा के पास कर दिए जाते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि पक्ष और विपक्ष के बीच योजनाओं और विषय पर गुण और दोष के आधार पर बहस होनी चाहिए। विधायक अपनी बहस से व्यापक जनहित के मुद्दों को सदन में उठाएं।
आज जो सैल्यूट कर रहे, कल वहीं गरदनिया पासपोर्ट देंगे : सीपी सिंह
पूर्व स्पीकर सीपी सिंह ने कहा कि आज जो सत्ता पक्ष है, वह कल विपक्ष में था। संभव है आज का विपक्ष कल का सत्ता पक्ष है, ऐसे में विधायिका को मजबूत करना पक्ष-विपक्ष दोनों का काम है। सत्ता में जो भी आता है, उसे भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। आज जो अधिकारी सैल्यूट कर रहे हैं, कल वहीं गरदनिया पासपोर्ट देंगे।


