Publish Date:Thu, 27/Feb2020
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एसीबी की टीम की सूचना मिलते ही रांची नगर निगम में अधिकारी और कर्मचारी गायब होने लगे
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ये व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए छोटा सा कदम है
R24News : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीमें बुधवार को एक साथ रांची और धनबाद के नगर निगम कार्यालय, रांची रजिस्ट्री कार्यालय और राजधानी के डोरंडा पुलिस स्टेशन में जांच के लिए पहुंची। खास बात ये थी कि ये टीमें यहां भ्रष्टाचार की किसी शिकायत पर किसी अफसर को ट्रैप करने या गिरफ्तार करने नहीं गईं थीं। इन टीमों ने नगर निगम कार्यालयों में बुधवार सुबह 10:30 बजे से शाम तक अलग-अलग फाइलों की सिर्फ जांच की। इसमें नक्शा पास करने से लेकर खरीद योजनाओं और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदनों की फाइलें तक शामिल थीं। जांच के तरीके ने जल्द ही राजनीतिक रंग भी ले लिया।
मेयरों ने कहा – बदले की भावना से सरकार कर रही कार्रवाई
भाजपा शासित दोनों नगर निगमों में मेयरों ने इस जांच पर सख्त आपत्ति जताते हुए संबंधित टीमों से जवाब मांगा। हालांकि इस विषय में राज्य सरकार की ओर से जारी संकल्प पत्र दिखाए जाने के बाद मेयरों ने विरोध तो बंद कर दिया, मगर कहा कि राज्य सरकार भाजपा शासित अधिष्ठानों पर बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। वहीं देर शाम इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सिर्फ भ्रष्टाचार ही नहीं, लोगों के काम अनावश्यक लटकाने और अनुचित मांगें करने की शिकायतें भी गंभीर हैं। आम लोगों के ऐसे दोहन-शोषण की शिकायतें मिलने के बाद ही उन्होंने एसीबी को सभी विभागों की जांच करने को कहा है। एसीबी की रिपोर्ट में यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो आगे सख्त कार्रवाई भी होगी।
रांची नगर निगम में जांच के लिए पहुंचे डीएसपी सादिक अनवर रिजवी और उनकी टीम को मेयर आशा लकड़ा ने अपने चेंबर में बुलाकर कहा कि किसके आदेश से जांच करने अाएं हैं, पहले वह कागजात दिखाएं। निगम सरकार का दफ्तर नहीं है। यह ऑटाेनाेमस बाॅडी है। इसलिए आप यहां जांच नहीं कर सकते। इस पर डीएसपी ने सरकार द्वारा एसीबी काे दिए गए संकल्प पत्र की काॅपी दिखाया। इसके बाद मेयर चुप हाे गई। धनबाद नगर निगम में भी मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने डीएसपी मुजिबुर रहमान से जांच के लिए फोर्स लेकर आने पर विरोध जताया।
नगर निगम-रजिस्ट्री ऑफिस खाली, छुट्टी पर गए अफसर
एसीबी की टीम की सूचना मिलते ही रांची नगर निगम में अधिकारी और कर्मचारी गायब होने लगे। जब टीम ने अधिकारियों से मिलने की इच्छा जताई तो जवाब मिला कि साहब छुट्टी पर हैं। रांची रजिस्ट्री कार्यालय में भी बुधवार को छापेमारी के चलते कई वकील, डीड राइटर और कुछ कर्मचारी गायब रहे।
ये व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए छोटा सा कदम : हेमंत
सरकारी कार्यालयों में आम लोगों के दोहन-शोषण की शिकायतें मिल रही थी। पहली बार व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सरकार ने छोटा सा कदम उठाया है। एसीबी को सभी सरकारी कार्यालयों का कामकाज जांचने के लिए कहा है। एसीबी विरोध करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी मिली तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। -हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
दो मेयरों ने लगाए आरोप…
जांच अच्छी चीज है। लेकिन पुलिसिया अंदाज में जांच गलत है। भय से आधे से अधिक कर्मचारी गायब रहे।
चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर, धनबाद
जहां भाजपा है वहां सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। पूर्व शासन में जो अच्छे जगहाें पर थे उन्हें निशाना बना रहे हैं।
आशा लकड़ा, मेयर, रांची
एडीजी का जवाब
चेकिंग का प्रावधान है जो कभी भी, कहीं भी हो सकती है। ऐसा एसीबी के संकल्प में है। छापे के लिए सरकार की अनुमति है। नीरज सिन्हा, एडीजी, एसीबी


