फ्रेंच गुआना के कौरू स्थित स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया जीसैट-30।
- यह 2020 में इसरो का पहला मिशन, इससे इंटरनेट स्पीड बढ़ेगी, मोबाइल नेटवर्क का विस्तार होगा
- 3357 किलो वजनी जीसैट-30 देश की सबसे ताकतवर संचार सैटेलाइट, 15 साल तक काम करेगा
R24 News
Jan 17/2020 09:41 AM
इसरो का संचार उपग्रह जीसैट-30 सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया है। इसे शुक्रवार सुबह 2:35 बजे फ्रेंच गुआना के कौरू स्थित स्पेस सेंटर यूरोपियन रॉकेट एरियन 5-वीटी 252 से लॉन्च किया गया। लॉन्च के करीब 38 मिनट 25 सेकंड बाद सैटेलाइट कक्षा में स्थापित हो गया। 3357 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट देश की संचार प्रौद्योगिकी में बदलाव लाएगा। इसरो के मुताबिक, 3357 किलो वजनी सैटेलाइट 15 साल तक काम करेगा।
इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक पी कुन्हीकृष्णन ने इस मौके पर कहा, “2020 की शुरुआत एक शानदार लॉन्च के साथ हुई है। इसरो ने 2020 का मिशन कैलेंडर जीसैट-30 के सफल प्रक्षेपण के साथ किया है। खास बात यह है कि इसे जिस एरियन 5 रॉकेट से लॉन्च किया गया, उसका पहली बार 2019 में इस्तेमाल किया गया, तब भी रॉकेट का इस्तेमाल भारतीय सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए हुआ।
इंटरनेट स्पीड तेज होगी, डीटीएच सेवाओं में सुधार होगा
इसके लॉन्च होने के बाद देश की संचार व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी। इससे इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी। साथ ही देश में जहां नेटवर्क नहीं है, वहां मोबाइल नेटवर्क का विस्तार हाेगा। इसके अलावा डीटीएच सेवाओं में भी सुधार होगा। यह एक दूरसंचार उपग्रह है, जो इनसैट सैटेलाइट की जगह काम करेगा। इसमें दो सोलर पैनल और बैटरी लगी है, जिससे इसे ऊर्जा मिलेगी।
इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
पुराने संचार उपग्रह इनसैट सैटेलाइट की उम्र पूरी हो रही है। देश में इंटरनेट की नई तकनीक आ रही है। 5जी पर काम चल रहा है। ऐसे में ज्यादा ताकतवर सैटेलाइट की जरूरत थी। जीसैट-30 उपग्रह इन्हीं जरूरतों को पूरा करेगा।
Posted By: Aditya Dubey R24 News