Publish Date:Wed, 19 Feb 2020
R24News : 2012 Delhi Nirbhaya Case : निर्भया मामले में डेथ वारंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों (अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) की हालत खराब है। उनके चेहरे के हाव-भाव तक बदल गए हैं। चारों के चेहरे पर हमेशा उदासी छाई रहती है और सभी ने अपने-अपने सेल में चुप्पी साध ली है। वे चारों आपस में भी बात नहीं कर रहे हैं। यह सब डेथ वारंट जारी होने के बाद हुआ है। माना जा रहा है कि सारे पैंतरे2012 Delhi Nirbhaya Case चारों दोषियों के चेहरे के हाव-भाव तक बदल गए हैं। चारों के चेहरे पर हमेशा उदासी छाई रहती हैं तो अपने-अपने सेल में चारों ने चुप्पी साध ली है।
सीसीटीवी से रखी जा रही चारों पर नजर
डेथ वारंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने जहां चारों दोषियों की सुरक्षा बढ़ा दी है, वहीं उन पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी का सहारा लिया जा रहा है। डेथ वारंट के बाद सबसे ज्यादा विनय कुमार शर्मा सहमा हुआ है। वह जेल की अपनी सेल में अक्सर चहलकदमी नजर आता है। इससे पहले भी पहले डेथ वारंट के बाद विनय ही लगातार फांसी को लेकर जेल अफसरों ने सवाल करता रहता था।
लगातार की जा रही काउंसलिंग
फांसी की तारीख 3 मार्च तय होने के कारण तिहाड़ जेल ने मनोचिकित्सकों के जरिये चारों दोषियों की काउंसलिंग करवाई जा रही है। चारों से लगातार बातचीत की जा रही है। तिहाड़ जेल प्रशासन से इस बात से डरा हुआ है कि कहीं वे हतोत्साहित हो कर कोई गलत कदम नहीं उठा ले। बता दें कि एक आरोपित राम सिंह 2013 में तिहाड़ जेल में आत्म हत्या कर चुका है। इसके बाद तिहाड़ की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे।
फांसी की तैयारी में जुटा तिहाड़ जेल प्रशासन
सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा चारों दोषियों को फांसी के मद्देनजर डेथ वारंट जारी करने के बाद तिहाड़ में फिर फांसी की तैयारी शुरू हो चुकी है।
चारों दोषी जल्द करेंगे माता-पिता से मुलाकात
आगामी 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी हैं, ऐसे में चारों को फांसी देने में सिर्फ 13 दिन शेष हैं। ऐसे में सभी दोषियों को उनके माता-पिता से अंतिम बार मिलाने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। इस बाबत जल्द ही तिहाड़ जेल प्रशासन सभी दोषियों के परिजनों खासकर माता-पिता पत्र जारी कर अंतिम बार मुलाकात के लिए कहेगा।
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ चारों (राम सिंह, एक नाबालिग, पवन, विनय, मुकेश और अक्षय) ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पूरे देश में हंगामा मचने पर जहां केंद्र सरकार ने कानून में बड़ा बदलाव किया गया। इसी के साथ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला, जिसके बाद निचली अदालत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी चारों को फांसी की सजा सुना चुका है।
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