सियाचिन, एएनआइ। Siachen Glacier: आर्मी सूत्रों के अनुसार हिमस्खलन से सियाचिन ग्लेशियर में सेना के 4 और दो कुली बर्फ के नीचे दब जाने से शहीद हो गए हैं। सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के जवान गश्त करने वाली टीम का हिस्सा हैं, जिसमें आठ जवान शामिल थे। हिमस्खलन उत्तरी ग्लेशियर में हुआ है, जहां की ऊंचाई लगभग 18,000 फीट या उससे अधिक है।बता दें कि ऐसा ही हिमस्खलन साल 2016 के फरवरी माह में भी आया था। तब भारी हिमस्खलन के चलते करीब 10 जवान शहीद हो गए थे। लांस नायक हनमनथप्पा कोपड़ करीब 25 फीट बर्फ के अंदर दब गए थे और छह दिनों तक जिंदा रहने के बाद उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। कोपड़ उन दस जवानों में थे जो करीब 20,500 फीट की ऊंचाई पर सोनम पोस्ट पर पहरेदारी करते हुए 3 फरवरी को बर्फ के साथ बहकर उसमें दब गए थे।
मालूम हो कि कारकोरम क्षेत्र में लगभग 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर विश्व में सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है, जहां सैनिकों को अधिक ठंड से शरीर के सुन्न हो जाने और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है।सियाचिन ग्लेशियर को पूरी दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित युद्ध स्थल के रूप में जाना जाता है।सियाचिन ग्लेशियर पूर्वी कराकोरम के हिमालय में स्थित है। इसकी स्थिति भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास उत्तर पर स्थित है। सियाचिन ग्लेशियर का क्षेत्रफल लगभग 78 किमी है। सियाचिन, काराकोरम के पांच बड़े ग्लेशियरों में सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है।